चकाई. जिलाधिकारी राकेश कुमार ने सोमवार को स्थानीय अधिकारियों के साथ चोफला पंचायत के मुड़ली गांव का निरीक्षण कर पेय जल की समस्या के बारे में स्थानीय लोगों तथा जनप्रतिनिधियों से जानकारी ली. लोगों ने बताया कि वैसे तो हर वर्ष इन क्षेत्रों में इस समय पानी की समस्या उत्पन्न हो जाती है, पर इस बार स्थिति और भी भयावह है. चापाकल तो है, पर जलस्तर नीचे चले जाने के कारण पानी नहीं निकल रहा है. कुआं भी सूख चुका है. नदी में भी पानी नहीं है. हमलोग नदी मैं चुवा खोदकर किसी तरह अपने दैनिक जरूरतों को पूरा कर रहे हैं. पूरे चोफला पंचायत की बड़ी ही गंभीर स्थिति है.
ग्रामीणों ने दी थी पेयजल की समस्या की सूचना:
वहीं डीएम ने बताया कि यहां के ग्रामीणों द्वारा उन्हें पेयजल की समस्या की सूचना मिली थी. इसलिए वे खुद इसे देखने एवं इसका निदान करने चले आये. उन्होंने बताया कि मैंने पूरे गांव का घूम- घूम कर निरीक्षण किया. गांव में चापाकल तो है, पर जलस्तर नीचे चले जाने से पानी नहीं निकल रहा है. ऐसा गर्मी के कारण हो रहा है. इस समस्या के के निदान के लिए नदी किनारे एक स्थल चिह्नित किये हैं, जहां एक दो दिन के अंदर बोरिंग कराकर चापाकल लगाया जायगा. इसके अलावे बिचला टोला व ऊपर टोला में भी जल्द ही दो बोरिंग करवाएंगे. इसके उपरांत बहुत हद तक समस्या का निदान हो जायेगा.350 से 400 फीट तक बोरिंग करने के बाद भी नहीं निकला पानी, नल-जल योजना है फेल:
डीएम ने स्थानीय ग्रामीणों व पंचायत प्रतिनिधियों से जानकारी ली, तो उन्होंने बताया कि पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण हर वर्ष यहां पानी की समस्या होती है. लोगों ने बताया कि लोगों को सरकार की महत्वपूर्ण योजना नल-जल का लाभ नहीं मिला है. इस कारण पानी की किल्लत होती है. वहीं डीएम ने कहा कि इस पहाड़ी क्षेत्र में नल-जल योजना सफल नहीं हो पायी है. 350 से 400 फीट तक बोरिंग करने के बाद भी पानी नहीं निकल पाया. इसलिए यहां यह योजना सफल नहीं हो पा रही है. मैंने अन्य स्थानीय अधिकारियों से इसके बारे में जानकारी ली. खुद यहां पहुंच निरीक्षण भी किया तो पता चला कि चापाकल तो है, पर जलस्तर नीचे चले जाने के कारण पानी नहीं निकल रहा है. वहीं उन्होंने आगे कहा कि किसी भी तरह कि कोई समस्या हो तो बीडीओ, सीओ आदि से संपर्क कर उन्हें जानकारी दें,अगर फिर भी समस्या का निदान नहीं होता है तो मुझे जानकारी दें मैं खुद आपके द्वार आकर समस्या का समाधान करूंगा. जो भी करना पड़े वो करूंगा. मौके पर पीएचईडी के एजक्यूटिव इंजीनियर, सिविल सर्जन कुमार महेंद्र प्रताप, सीओ राजकिशोर साह, बीडीओ दुर्गाशंकर प्रसाद सहित बड़ी संख्या मैं जनप्रतिनिधि व स्थानीय ग्रामीण मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है