Jamui News : पुर्जा कटा कर घंटे भर घूमते रहे परिजन, दर्द से कराहता रहा मरीज
दिन के 11 बजे तक अस्पताल नहीं पहुंचे थे चिकित्सक, मरीज हुए परेशान
गिद्धौर.
प्रखंड मुख्यालय स्थित दिग्विजय सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है. इसका नुकसान मरीज और उनके परिजनों को उठाना पड़ रहा है. शुक्रवार को अपने बेटे का इलाज कराने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे गिद्धौर निवासी आनंदी चौधरी ने भी अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए वरीय पदाधिकारी से कार्रवाई की मांग की. उन्होंने बताया कि अपने बेटे के इलाज को लेकर दिन के 11 बजे अस्पताल पहुंचे, तो चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी नहीं थे. पुर्जा कटवाने के बाद एक घंटे तक हमलोग इधर-उधर भटकते रहे. मेरा पुत्र अंकित दर्द से कराहता रहा. इसके बाद चिकित्सक आये और इलाज हो सका. उन्होंने बताया कि अस्पताल से चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी हमेशा गायब रहते हैं और मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसे लेकर लोगों द्वारा आये दिन हंगामा भी किया जाता रहा है. इसके बावजूद अस्पताल में चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी की समय से उपस्थिति नहीं हो पा रही है.कहती हैं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी
इस संदर्भ में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अजिमा निशात ने बताया कि सभी चिकित्सक व कर्मी को समय से अस्पताल में उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है. इसके बाद भी अगर अनुपस्थित रह रहे हैं, तो इसकी जांच कर उचित कार्रवाई की जायेगी.
प्रमुख ने की रोगी कल्याण समिति की बैठक रद्द करने की मांग
चंद्रमंडीह.
चकाई प्रखंड प्रमुख उर्मिला देवी ने रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सह सदस्य सचिव रोगी कल्याण समिति को पत्र भेजकर पूर्व में किये गये रोगी कल्याण समिति के गठन को रद्द करने की मांग की है. पत्र में प्रमुख ने कहा है कि सचिव स्वास्थ्य सह कार्यपालक निदेशक बिहार पटना एवं सिविल सर्जन के निर्देश पर रोगी कल्याण समिति का गठन किया जाना था. लेकिन बिना प्रखंड प्रमुख को सूचना दिये ही रोगी कल्याण समिति का गठन कर लिया गया. जबकि विभागीय पत्र में उल्लेख है कि प्रखंड प्रमुख द्वारा नामित पंचायत समिति सदस्य को सदस्य बनाया जाना है. परंतु प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा मन मुताबिक पंचायत समिति सदस्य को नामित कर लिया गया. इससे पता चलता है बैठक में केवल खानापूर्ति की गयी है. बीते 20 मई को आयोजित बैठक की तस्वीर देखने से पता चलता है कि बिना नामित मात्र एक से दो सदस्य ही उपस्थित थे. इससे साफ जाहिर होता है कि रोगी कल्याण समिति के गठन, निबंधन, प्रक्रिया, कार्य, सदस्य संरचना के पुनर्निर्धारण, विधिक ढांचा व शासन तंत्र का पालन नहीं किया गया है. ऐसे में यह बैठक अवैध है. प्रमुख ने बैठक की तिथि पुनः निर्धारित करते हुए सभी सदस्यों को सूचना उपलब्ध कराने की मांग की है. पत्र में प्रमुख ने उल्लेख किया है कि पूर्व की बैठक के लिए जो पत्र निर्गत किया गया है, उसमें प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सह अध्यक्ष रोगी कल्याण समिति रेफरल अस्पताल चकाई दर्शाया गया है. जबकि विभागीय रोगी कल्याण समिति के संशोधित दिशा-निर्देश 2024 के निर्देशिका पत्र में सदस्य सचिव प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व अध्यक्ष प्रखंड विकास पदाधिकारी पदेन हैं. ऐसे में उन्होंने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को कहा है कि रोगी कल्याण समिति के गठन को रद्द करते हुए पुनः बैठक की तिथि निर्धारित की जाये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है