इंडी गठबंधन के लोग आपस में ही कर रहे खींचतान : चिराग
चिराग पासवान ने की प्रेस कांफ्रेंस, विरोधियों पर साधा निशाना
जमुई. चिराग पासवान ने बुधवार को जमुई में कहा कि इंडी गठबंधन के घटक दल में चुनाव को लेकर गंभीरता देखने को नहीं मिलती है. आम आदमी पार्टी दिल्ली में एक दूसरे के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं, तो पंजाब में एक दूसरे की टांग खींचने का काम कर रहे हैं. ऐसे में इंडी गठबंधन के लोगों में तालमेल का बहुत अभाव देखने को मिल रहा है. चुनाव परिणाम में यह साबित भी हो जायेगा. बिहार में पहले चरण में जितनी भी सीटें हैं वहां भी यही हाल देखने को मिला. कोई भी सहयोगी दल एक दूसरे के साथ प्रचार में भी नहीं दिखे. इस गठबंधन में टिकट पहले बांटे गये, जबकि गठबंधन में सीटों के बंटवारे की घोषणा बाद में की गयी. पूर्णिया में एक दूसरे के सामने ही उनके प्रत्याशी उतारे हुए हैं. चिराग पासवान ने राष्ट्रीय जनता दल पर महिलाओं के साथ बदसलूकी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके सामने किसी भी महिला को गाली दी जाती है और ये चुप बैठते हैं. दरअसल जमुई के चुनावी सभा में तेजस्वी यादव के सामने उनके कुछ समर्थकों ने चिराग की मां को लेकर अपशब्द कहे थे, जिस पर टिप्पणी करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि मेरी मां को गाली दी जाती रही और तेजस्वी यादव चुप खड़े रहे. बात मेरी मां की नहीं है किसी भी महिला को गाली दी जाती तो चिराग पासवान चुप नहीं बैठता. मैंने जब से यह वीडियो देखा है, मैं तब से तकलीफ में हूं. अगर यही सब कुछ उनकी मां के साथ हुआ होता तो मैं वह पहला इंसान होता जो इसका विरोध करता. तेजस्वी की मां राबड़ी देवी को मैं अपनी मां की तरह समझता हूं, उनकी बहन मीसा भारती मेरी निशा दीदी हैं. अन्य सभी बहनें मेरी बहन के समान हैं. मैं वह शख्स हूं जिसने बुजुर्गों के सम्मान और महिलाओं के सम्मान के लिए पार्टी लाइन से हटकर अपनी आवाज उठायी है. चिराग पासवान ने जमुई सीट से राजद उम्मीदवार अर्चना रविदास को लेकर कहा कि वह खुद एक महिला है और एक महिला होने के नाते उनके सामने जब महिला को गाली दी गयी, तब वह चुप रहीं. उनका कुछ वीडियो मेरे सामने भी आया. पर चूंकि वह एक महिला हैं और उन्होंने अपने निजी जीवन में क्या कुछ किया है, यह सब राजनीति में नहीं चलता. इसलिए मैंने उन पर कोई टिप्पणी नहीं की. जिस पार्टी के समर्थक अपने नेता के सामने इस प्रकार की हरकत कर सकते हैं. अगर वे ताकत में आ गये तो बिहार के हर घर की महिला के साथ ऐसा ही व्यवहार करेंगे. उनकी इसी हरकतों के कारण बिहार में 90 के दशक में पलायन का एक बड़ा दौर हुआ था.