पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता निलंबित
हर घर नल का जल योजना में अनियमितता पर कार्रवाई
जमुई. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय योजना के तहत चलाये जा रहे हर घर नल का जल योजना में अनियमितता बरतने को लेकर जमुई लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता को निलंबित कर दिया गया है. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के अभियंता प्रमुख सह विशेष सचिव राजेश प्रसाद सिन्हा ने आदेश जारी कर जमुई पीएचईडी कार्यपालक अभियंता शिव शंकर दयाल को निलंबित कर दिया है. कार्यपालक अभियंता पर हर घर नल का जल योजना के तहत तकनीकी बीड का गलत मूल्यांकन कर उसपर स्वीकृति का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजने सहित आधा दर्जन के करीब अनियमितताएं सामने आने के बाद यह कार्रवाई की गयी है. गौरतलब है कि गलत मूल्यांकन कर प्रस्ताव भेजने के मामले में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के मुख्य अभियंता की अध्यक्षता में दो सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया था. उक्त जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में यह बताया कि योजना को लेकर चार निविदा आयी, जिसमें सफल निविदाकार के अभिलेख गलत पाए गए. लेकिन इसके बावजूद कार्यपालक अभियंता के द्वारा उक्त निविदाकार को निविदा आवंटन कर दिया गया. जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया कि छूटे हुए टोलों में जलापूर्ति योजना को लेकर 22 निविदा में 2 से अधिक लोगों ने टेंडर भरा था. लेकिन बिना किसी कारण बताये कार्यपालक अभियंता शिव शंकर दयाल ने उन टोलों में निविदा को रद्द कर दिया तथा पुनर्निविदा करते हुए तकनीकी बीड का निष्पादन करने के लिए निविदा समिति को प्रस्ताव भेज दिया. जांच टीम के द्वारा 20 और 21 नवंबर को इसकी जांच की गयी थी. इसमें यह सामने आया था कि जिले के 2497 जलापूर्ति योजना में 262 योजनाएं ऐसी थी, जिसमें अलग-अलग कारणों से ये योजनाएं अक्रियाशील हो गयी हैं. जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि विभागीय मानकों के अनुरूप योजनाओं का संचालन नहीं किया जा रहा था. कार्यपालक अभियंता पर योजनाओं की गुणवत्ता की अनदेखी, विद्युत बिलों के भुगतान में लापरवाही और विभागीय निर्देशों की अवहेलना के आरोप है. उन्हें वित्तीय अनियमितताओं में भी दोषी पाया गया है. इन्हीं सब कारणों से पीएचईडी कार्यपालक अभियंता को निलंबित कर दिया गया है.
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