खैरा. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सभागार में ममता हेल्थ इंस्टीट्यूट फॉर मदर एंड चाइल्ड, जमुई की ओर से एएनएम और जीएनएम के लिए एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान गर्भवती महिलाओं को प्रसव के दौरान सम्मानजनक देखभाल और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर जानकारी दी गयी. कार्यक्रम की शुरुआत चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रास बिहारी तिवारी, बीएचएम प्रियदर्शिनी कुमारी, बीसीएम सोहराब अली और ममता संस्था के अमन कुमार एवं पूजा कुमारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया.
मातृत्व की परिभाषा व उससे जुड़े सात सूत्रों की दी विस्तृत जानकारी
डॉ विपिन कुमार ने एएनएम और जीएनएम को सम्मानजनक मातृत्व की परिभाषा और उससे जुड़े सात सूत्रों की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि गर्भावस्था और प्रसव के दौरान महिलाएं अक्सर मानसिक तनाव और डर का सामना करती हैं. स्वास्थ्य कर्मियों का कर्तव्य है कि वे गर्भवती महिलाओं को बेहतर माहौल और सुविधाएं प्रदान करें, ताकि जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहें. डॉ विपिन ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों को महिलाओं के साथ मित्रवत और सम्मानजनक व्यवहार करना चाहिए. प्रसव के दौरान उन्हें यह महसूस कराना चाहिए कि वे अकेली नहीं हैं. इसके साथ ही प्रसव पूर्व और प्रसव पश्चात जांच में भी मरीजों का पूरा ख्याल रखा जाना चाहिए. डॉ रास बिहारी तिवारी ने कहा कि प्रशिक्षक बेहद कुशल हैं और उन्होंने सरल तरीके से एएनएम और जीएनएम की क्षमता वर्धन किया है. यह प्रशिक्षण स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए बेहद प्रभावी कदम है. कार्यक्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के नर्सिंग स्टाफ के साथ-साथ यूनिसेफ के डॉ पवन कुमार, ममता संस्था की पूजा कुमारी, अंजू कुमारी, छोटी कुमारी और सुमित कुमार उपस्थित थे.
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