चकाई. जन सुराज पार्टी ने शुक्रवार को मुख्यालय स्थित मां ललिता प्ले स्कूल में भारत रत्न, पूर्व मुख्यमंत्री स्व कर्पूरी ठाकुर की 101वीं जयंती मनायी. इस मौके पर नेताओं ने उनके चित्र पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित करते हुए उन्हें नमन किया. पार्टी के नेतृत्वकर्ता डॉ धर्मेंद्र सिन्हा ने उन्हें याद करते हुए कहा कि कर्पूरी जी का आज ही के दिन 1924 ई में बिहार राज्य के समस्तीपुर जिले के पितौंझिया ग्राम में जन्म हुआ था. कर्पूरी ठाकुर भारत के स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, राजनीतिक तथा बिहार राज्य के द्वितीय उपमुख्यमंत्री तथा दो बार मुख्यमंत्री पद पर सुशोभित रहने वाले सोशलिस्ट पार्टी, भारतीय क्रांति दल एवं जनता पार्टी लोकदल का नेतृत्व करने वाले एक कुशल राजनीतिज्ञ थे. वे सदैव दलित, शोषित और वंचित वर्ग के उत्थान के लिए प्रयत्नशील रहे और संघर्ष करते रहे. उनका सादा जीवन, सरल स्वभाव, स्पष्ट विचार और अदम्य इच्छाशक्ति के बदौलत ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता था और उनके विराट व्यक्तित्व के प्रति आकर्षित होना भी लाजिमी था. 1970 में पहली बार और 1977 में दूसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में बिहार को प्रगति पथ पर लाने का उन्होंने अभूतपूर्व योगदान दिए एवं 2024 में उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से नवाजा गया था. 1942 ई के भारत छोड़ो आंदोलन में कर्पूरी जी कूद पड़े और 26 महीने के ब्रिटिश हुकूमत की यातना सहने के बाद भागलपुर के कैंप जेल से 1945 में रिहा हुए. वे एक दूरदर्शी होने के साथ- साथ एक ओजस्वी वक्ता भी थे. आजादी के समय पटना के कृष्णा टॉकीज हॉल में छात्रों को संबोधित करते हुए एक क्रांतिकारी भाषण देते हुए कहे थे कि हमारे देश की आबादी इतनी अधिक है कि केवल थूक देने से अंग्रेज़ सात समंदर पार बह के चला जायेगा. यही नहीं वे कहा करते थे कि संसद के विशेषाधिकार कायम रहे वे हमेशा समाज के पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए तत्पर रहा करते थे और आजीवन वे समाज के दबे कुचले लोगों के उत्थान के लिए अपने आपको समर्पित कर दिए. मौके पर रंजीत वर्मा, दिवाकर राय, सुमन राॅय, मनमोहन सिंह, मनोज पासवान, मनोज पांडेय सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे.
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