जमुई में एक्यूआइ 155, रहें सावधान
बूढ़े, बच्चे, गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ अस्थमा व हृदय रोगियों के लिए वायू प्रदूषण घातक
जमुई. एक अरसे बाद गुरुवार को अचानक जमुई शहर का एअर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआइ अचानक 155 पहुंच गया, दोपहर तीन बजकर 14 मिनट पर जमुई शहर का एक्यूआइ 155 दर्ज किया गया. सोमवार को दर्ज एक्यूआइ के आंकड़े चौंकाने वाले हैं यदि अभी भी सतर्क नहीं हुए और पर्यावरण के प्रति जागरूक नहीं हुए तो भविष्य में पछताने के सिवाय कुछ नहीं मिलेगा. सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ मनीष कुमार ने बताया कि 50 या उससे कम का एक्यूआइ मान अच्छी वायु गुणवत्ता का प्रतिनिधित्व करता है, लेकिन जमुई की ऐसी स्थिति कभी नहीं आयी है. डॉ कुमार ने कहा कि एक्यूआइ ज्यादा मतलब ज्यादा प्रदूषण इससे सबसे अधिक परेशानी बूढ़े, बच्चे, गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ अस्थमा, हृदय के मरीजों को होती है. एक्यूआइ जितना अधिक होगा, वायु प्रदूषण का स्तर उतना ही अधिक होगा.
बढ़ते वाहन से भी हवा हुई प्रदूषित
जिले की सड़कों पर वाहनों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी, पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता की कमी ने भी प्रदूषण को बढ़ाया है. शहर के कई जगहों पर खुले में कचरा जलाने के कारण भी हवा प्रदूषित हो रही है. शहरीकरण के कारण बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई हुइ्र है. जितनी संख्या में पेड़ काटे गये उतनी संख्या में उसका रोपण नहीं होने के कारण भी जिले का एक्यूआइ बढ़ा है. यह आंकड़ा निश्चित रूप से चिंता बढ़ाने वाला है. चिकित्सक की मानें तो एक्यूआइ जितने अधिक होंगे, वायु प्रदूषण का स्तर उतना ही अधिक होगा और स्वास्थ्य की चिंता उतनी ही अधिक होगी.
कहते हैं एसीएमओ
जहरीली हवा में अधिक देर तक बाहर रहने पर आम लोगों को भी सांस लेने में दिक्कत हो सकती है. अस्थमा व एलर्जी रोगियों के लिए यह खतरनाक है. आंख व त्वचा से संबंधित रोग भी उत्पन्न हो सकते हैं. इस लिए मास्क व चश्मा लगाएं. शरीर को पूरी तरह ढंकने वाले कपड़े पहनकर ही बाहर निकलें.
डॉ अरविंद कुमार, एसीएमओ, सदर अस्पतालB
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