खैरा के ऐतिहासिक दुर्गा मंदिर का चंदेल वंश से जुड़ा है इतिहास
पूजा को लेकर तैयारियां जारी, भव्य तरीके से होगा आयोजन
खैरा. प्रखंड क्षेत्र स्थित ऐतिहासिक खैरा दुर्गा मंदिर में दुर्गा पूजा को लेकर तैयारियां जारी हैं. इस मंदिर की धार्मिक और ऐतिहासिक महत्ता इतनी है कि यहां हर साल लाख से भी अधिक श्रद्धालु पूजा अर्चना करने आते हैं. इस साल भी दुर्गा पूजा के अवसर पर यहां 10 दिनों तक चलने वाले मेले की जोरदार तैयारियां हो रही हैं. मां दुर्गा पूजा समिति ने पूजा की सभी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. सुरक्षा और श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर प्रशासन के साथ मेला समिति की बैठक भी हो चुकी हैं. मेले में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पार्किंग, पानी, शौचालय और खाने-पीने की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है.
बेलभरनी को निकाला जायेगा भव्य जुलूस
गौरतलब है कि तीन अक्तूबर को कलश स्थापना के साथ शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो रहा है. नौ अक्तूबर से सप्तमी के दिन मां बेलभरनी की पूजा होगी, जो कि राजवाटी से मंदिर परिसर तक विशेष परंपरा के तहत लायी जाती है. इस दिन यहां भव्य भेलभरनी जुलूस निकाला जाता है. अष्टमी के दिन बलि की परंपरा होगी, जो इस मंदिर का एक प्रमुख धार्मिक अनुष्ठान है. नवमी तक यहां हजारों बकरों की बलि दी जाती है, जो इस क्षेत्र की अनूठी परंपरा का हिस्सा है. दुर्गा पूजा के दौरान खैरा दुर्गा मंदिर परिसर में तीन दिनों तक विशाल मेला लगता है. मेले में न केवल खैरा प्रखंड बल्कि आसपास के कई जिलों से लोग आते हैं. इस साल भी मेले की तैयारियां जोरों पर हैं. मंदिर समिति और स्थानीय प्रशासन मेले को सफल बनाने के लिए सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष जोर दे रहे हैं.राजा रावणेश्वर प्रसाद सिंह से जुड़ा है इतिहास
खैरा दुर्गा मंदिर का निर्माण सैकड़ों वर्ष पूर्व स्व राजा रावणेश्वर प्रसाद सिंह के पुत्र स्व गुरुप्रसाद सिंह द्वारा किया गया था. गढ़ के मुख्य द्वार के सामने स्थित यह मंदिर उस समय की स्थापत्य कला और धार्मिक परंपराओं का अद्भुत नमूना है. मंदिर के अंदर स्थापित गहवर अब भी सुरक्षित हैु, जिसे पुनः नये भवन में तब्दील किया जा रहा है. इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां देवी दुर्गा की पूजा पीढ़ियों से एक ही परिवार द्वारा की जा रही है. इस साल भी पूजन का कार्य प्रदीप आचार्य द्वारा किया जायेगा, जिनके पूर्वज चंद्रिका आचार्य व उनके दादा भी इसी परंपरा से जुड़े थे.ऐतिहासिक है मंदिर
खैरा का मां दुर्गा का मंदिर सिर्फ ऐतिहासिक ही नहीं, बल्कि धार्मिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण है. जो भी भक्त सच्चे मन से मां दुर्गा की आराधना करते हैं उनकी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. मंदिर के पुजारी प्रदीप आचार्य के अनुसार, यह स्थल शक्तिपीठ के रूप में जाना जाता है और यहां भक्तों की हर इच्छा पूर्ण होती है. खैरा दुर्गा मंदिर समिति इस साल भी आस्था और विश्वास के साथ दुर्गा पूजा की तैयारियों में जुटा है. मंदिर की भव्यता और यहां की परंपराएं इसे पूरे क्षेत्र में विशेष पहचान दिलाती हैं.आयोजित किये जाएंगे कई कार्यक्रम
इस साल भी दुर्गा पूजा को लेकर नौ दिन तक भक्ति जागरण का कार्यक्रम आयोजित किया जाना है. तीन अक्तूबर को प्रसिद्ध गायिका पूजा प्रियंका, 04 अक्तूबर को गायिका सरगम स्नेहा, 05 अक्तूबर को गायिका लक्ष्मी संध्या, छह अक्तूबर को प्रसिद्ध कलाकार सुनील छैला बिहारी कार्यक्रम की प्रस्तुति देंगे. 08 अक्तूबर को गायक शुभम भास्कर और सोनू चौधरी समेत कई अन्य कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है