भगवान कृष्ण के जन्म व उनकी बाल लीला अद्भुत : अनादि जी महाराज
श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन वृंदावन से चलकर उरवा गांव पधारे अनादि जी महाराज ने सबसे पहले भगवान श्रीकृष्ण के जन्म एवं उनके मैया यशोदा के घर नंदगाव आने का सुंदर वर्णन किया.
चकाई. श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन वृंदावन से चलकर उरवा गांव पधारे अनादि जी महाराज ने सबसे पहले भगवान श्रीकृष्ण के जन्म एवं उनके मैया यशोदा के घर नंदगाव आने का सुंदर वर्णन किया. पूतना मर्दन की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने पूतना को परमगति प्रदान किया, क्योंकि भगवान को किसी भी जीव में बुराई नहीं दिखती. माखन चोरी की लीला का वर्णन करते हुए कहा कि वृज की गोपियां शिकायत के बहाने भगवान श्रीकृष्ण का दर्शन करने के लिए नित्य नंदमहल आया करती थीं. दर्शन कर भाव विभोर हुआ करती थी. वे जान बूझकर भगवान श्रीकृष्ण के सान्निध्य पाने अपने घरों को खुला छोड़ ओसारे में छिपकर कृष्ण लल्ला को अपने घर का माखन चुरा कर खाने का अवसर देती थी. अगर किसी दिन माखनचोर उधर नहीं आते तो ग्वालिन उदास हो जाती और उन्हें खोजने निकल पड़ती थी. ऐसा निर्मल और निश्छल प्रेम था कृष्ण और गोपिया की. वहीं उन्होंने अन्य प्रसंगों का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण वृज की मिट्टी का रसास्वादन कर अपनी मां यशोदा को संपूर्ण सृष्टि का दर्शन कराया. वहीं कथा के अंत में गोवर्धन पर्वत को छप्पन प्रकार के भोग लगा कर मन मोहक झांकियों का दर्शन करा कर प्रभु की आरती उतारी गयी. कार्यक्रम का आयोजन सुभाष राय एवं प्रमोद राय की माता सुनैना देवी की और से की जा रही हैं. मौके पर राजीव रंजन पांडेय, महेंद्र सिंह, मिथलेश राय, रोहित राय, शंकर राणा, दीपक पांडेय, पिंटू चौधरी, बुल्लू प्रसाद सिन्हा, मनोज वर्मा, आशीष राय, भिखारी राय, राजेंद्र राय सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है