किऊल नदी से नियमों को ताक पर रखकर हो रहा बालू का उठाव
ग्रामीणों ने लगाया आरोप, जताया विरोध
खैरा. थाना क्षेत्र के सगदाहा गांव स्थित किऊल नदी घाट पर बालू खनन में नियमों के पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने विरोध जताया. रविवार को दर्जनों की संख्या में ग्रामीण बालू घाट पर पहुंचे तथा उन्होंने वहां खनन प्रक्रिया के खिलाफ जमकर हंगामा किया. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उक्त घाट पर संवेदक के द्वारा नियमों की अनदेखी कर मनमाने तरीके से बालू का उठाव किया जा रहा है. यहां के लोगों को अपनी जान देकर इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है. ग्रामीणों ने कहा कि संवेदक के द्वारा निजी जमीन व मंदिर के आसपास के क्षेत्र में भी उत्खनन किया जा रहा है. घाट के बगल में मौजूद श्मशान घाट को भी तहस-नहस कर दिया गया है.
ग्रामीण पिंकू सिंह ने बताया कि बालू ठेकेदार के द्वारा अवैध रूप से उत्खनन किया जा रहा है. इससे सगदाहा गांव का भविष्य खतरे में दिख रहा है. लगभग एक माह बाद जब वर्षा शुरू होगी तब गहरे गड्ढे में पानी भरेगा. जो ग्रामीणों के लिए हादसे का सबब बनेगा. ग्रामीण विनय कुमार सिंह ने बताया कि नदी किनारे कई मंदिर हैं और यहां धार्मिक कार्य बराबर होते रहते हैं. अगर इसी तरह बालू का उठाव होते रहेगा तो यहां धार्मिक अनुष्ठान भी कर पाना संभव नहीं रहेगा. इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने बालू उठाव में अनियमितता बरतने का आरोप लगाया तथा विभाग के द्वारा इस ओर ध्यान आकृष्ट करने की मांग की.मानक के विरुद्ध बालू उठाव करने को लेकर झाझा के लोगों ने भी किया था हंगामा:
सरकारी निर्देश के बावजूद जिले में बालू का उठाव मानक के अनुरूप नहीं किया जा रहा है. इससे लोगों में आक्रोश व्याप्त है. बताते चलें कि 26 अप्रैल को जमुई पहुंचे खान एवं भूतत्व विभाग के सचिव धर्मेंद्र कुमार ने जिला पदाधिकारी के साथ-साथ खनन विभाग के पदाधिकारी के साथ बैठक कर जिला स्थित सभी घाट से मानक के अनुरूप बालू उठाव करवाने का निर्देश दिया था. उनके द्वारा साफ कहा गया था कि लगातार नदी घाट का निरीक्षण करेंगे और कहीं किसी संवेदक के द्वारा नियम की अनदेखी की जाती है तो उनके ऊपर नियम संगत कार्रवाई करेंगे. लेकिन इसके बावजूद संवेदक के द्वारा बालू उठाव में मनमानी की जा रही है और कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. बताते चलें कि शहर मुख्यालय के सतगामा बालू घाट पर भी नियम के विरुद्ध अत्यधिक गहराई तक बालू उठाव करने को लेकर स्थानीय लोगों ने हंगामा किया था. वहीं शनिवार को झाझा स्थित महापुर गांव के समीप भी उलाय घाट से नियम के विपरीत बालू उठाव करने से आक्रोशित लोगों ने नदी घाट पर हंगामा किया और अधिकारियों से इसे लेकर उचित कार्रवाई की मांग की थी. अबतक इन घाटों पर मामले में कार्रवाई नहीं की गयी है. इससे लोगों में आक्रोश व्याप्त है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है