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सड़क हादसे में बुझ गये तीन घरों के चिराग

पटना से कार पर सवार होकर तीनों दोस्त जा रहे थे देवघर, सड़क हादसे में चली गयी जान

चंद्रमंडीह. चकाई-देवघर मुख्य मार्ग पर चंद्रमंडीह थाना क्षेत्र के अंडीडीह गांव के समीप एक अनियंत्रित कार के सड़क किनारे पलट जाने से उस पर सवार सभी तीन लोगों की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी. परिजनों के मुताबिक घटना सोमवार की रात 2.30 बजे के आसपास घटी. मंगलवार की अहले सुबह तक तीनों लहूलुहान अवस्था में पड़े रहे. आसपास कोई नहीं था. जब किसी राहगीर ने देखा, तो इसकी सूचना पुलिस को दी गयी, फिर पुलिस ने आधार कार्ड के आधार पर परिजनों को इसकी सूचना दी. तीनों युवक देवघर जा रहे थे.घटना में कार पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. लोगों का मानना है कि चालक को नींद आ जाने के कारण ही घटना घटित हुआ है. मृतक की पहचान नवादा जिले के अस्थमा गांव निवासी संतोष कुमार पिता रामनरेश प्रसाद यादव, पटना के गोरिया टोली निवासी साहिल राज उर्फ नंदन पिता रामबली राय, पटना के बिग्रहपुर निवासी अमन यादव पिता गोप जी के रूप में हुई है. तीनों आपस में गहरे दोस्त बताये जाते हैं. सभी पटना से किसी कार्य को लेकर देवघर जा रहे थे. वहीं घटना के बाद स्थानीय लोगों ने मामले की सूचना चंद्रमंडीह थाने को दी. इसके बाद पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची व तीनों को लेकर चकाई रेफरल अस्पताल पहुंची, जहां मौके पर मौजूद चिकित्सक ने जांच के बाद तीनों को मृत घोषित कर दिया. इसके बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए तीनों के शवों को जमुई भिजवा दिया. वहीं इस बीच मृतक के स्वजनों से संपर्क कर मामले की जानकारी दी गयी. सदर अस्पताल जमुई पहुंचे परिजन शव को देख चीत्कार करने लगे.

एक साथ तीनों दोस्तों ने ली अंतिम सांस:

चंद्रमंडीह. चकाई-जमुई मुख्य मार्ग पर चंद्रमंडीह थाना क्षेत्र के अंडीडीह गांव के समीप हुई कार दुर्घटना में तीन दोस्तों की एक साथ मौत हो गयी. उनके परिजनों ने बताया कि तीनों पक्के दोस्त थे, लेकिन किसी को ये नहीं पता था कि तीनों के बीच की पक्की दोस्ती का अंत एक साथ व इतना दुखद होगा. जिसने भी इस दृश्य को देखा उनकी रूह कांप गयी. दुर्घटना इतनी भयावह थी कि कार के परखचे उड़ गये. इसके साथ ही कार पलटते हुए सड़क से काफी दूर चली गयी थी. इससे पता चलता है कि कार काफी तेज गति में थी तथा इस बीच चालक को नींद आ गयी. पुलिस ने जेसीबी की मदद से शव को कार से बाहर निकाला. परिजनों ने बताया कि संतोष यादव फर्निशिंग का शोरूम चलाता था. उसको दो पुत्र व एक पुत्री है. जबकि अमन अपने पिता का इकलौता पुत्र था. उसे भी दो बच्चे हैं. वहीं एक साथ तीन शव को जिसने भी देखा वह अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पा रहा था.

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