जमुई
. जिला मुख्यालय स्थित व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया. इसका उद्घाटन जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सिंह, न्यायिक पदाधिकारी व जिला विधिक संघ के पदाधिकारियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला जज धर्मेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि लोक अदालत एक ऐसा सुगम मार्ग है जिसके माध्यम से कानूनी पेंच से बचते हुए व आपसी सहमति के आधार पर वादों का निबटारा किया जा सकता है. इस दौरान लोक अदालत को पक्षकारों को भेजी गयी नोटिस व आयोजन को लेकर की गयी तैयारी के बाबत विस्तार से जानकारी दी. मौके पर जिला विधिक संघ के अध्यक्ष शर्मा चंदेश्वर उपाध्याय ने कहा कि लोक अदालत कि अवधारणा ग्राम पंचायत पर आधारित है. यहां पर वादों का निबटारा आपसी सहमति और रजामंदी से किया जाता है. इससे न केवल वादी कानूनी परेशानी से बच जाते हैं, बल्कि नि:शुल्क सुविधा भी मिलती है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में वादों के निपटारे के लिए अधिवक्ता भी सरकार की ओर से दिया जाता है. राष्ट्रीय लोक अदालत में मामलों को बिना किसी खर्च के निपटाया जाता है. जिला विधिक संघ के महासचिव अमित कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत विभिन्न मामलों को आपसी सहमति के आधार पर निपटने का जरिया है. उन्होंने लोगों से इसका लाभ उठाने की अपील किया. जानकारी देते डालसा सचिव राकेश रंजन ने बताया कि लोक अदालत के दौरान प्री-लेटिगेशन के 25579 केस में 752 मामला सुलझाया गया. इस दौरान बैंक, बीएसएनएल के सेटलमेंट को मिलाकर 2 करोड़ 5 लाख से अधिक का सेटलमेंट हुआ जबकि पेंडिंग 2433 वाद में से 760 वादों का निपटारा किया गया. एक करोड़ 50 लाख से अधिक का सेटलमेंट किया गया. इस दौरान सभी न्यायिक पदाधिकारी व काफी संख्या में आमलोग उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है