जमुई. धनतेरस 29 अक्तूबर को धूमधाम से मनाया जायेगा. यह पर्व दीपावली के पांच दिवसीय महोत्सव की शुरुआत के रूप में जाना जाता है. धनतेरस का दिन विशेष रूप से समृद्धि, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की कामना के लिए मनाया जाता है. इस दिन धन (सम्पत्ति) की देवी मां लक्ष्मी और भगवान धनवंतरी की पूजा की जाती है. धनवंतरी आरोग्य और आयुर्वेद के देवता माने जाते हैं.
पंडित शिरोमणि झा कहते हैं कि धनतेरस पर ज्वेलरी, बर्तन और इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन सोना, चांदी और धातु के बर्तन खरीदना घर में समृद्धि और शुभता लेकर आता है. इसीलिए लोग इस दिन सोने-चांदी के गहने, बर्तन, घरेलू उपयोग के लिए इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदते हैं.धार्मिक मान्यता के अनुसार धनतेरस पर
नयी वस्तु खरीदना होता है शुभ
उन्होंने बताया कि धार्मिक मान्यता के अनुसार धनतेरस पर नयी वस्तु खरीदना शुभ होता है. विशेषकर वह वस्तुएं जो घर में स्थायित्व और संपन्नता का प्रतीक मानी जाती हैं. ज्वेलरी खासकर सोने और चांदी के आभूषणों को शुद्धता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. इसे खरीदने से घर में लक्ष्मी का आगमन होता है. स्टील, तांबा, पीतल या चांदी के बर्तन खरीदना भी शुभ है. इन्हें परिवार के स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. आधुनिक समय में लोग इलेक्ट्रॉनिक उपकरण टीवी, वॉशिंग मशीन, फ्रीज, एसी व अन्य मशीन भी खरीदते हैं. इसे नये दौर की सुविधाओं और प्रगति का प्रतीक माना जाता है. धनतेरस के दिन इन वस्तुओं को खरीदकर लोग अपने जीवन में शुभता और समृद्धि की कामना करते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है