लक्ष्मीपुर. केनुहट स्थित मां दुर्गा इमरजेंसी हॉस्पिटल से दवा व अन्य सामान लेकर निकल रही एक महिला को पुलिस ने शनिवार देर शाम गिरफ्तार कर लिया, जबकि इस दौरान एक युवक को भी पूछताछ के लिए थाने लाया गया. गिरफ्तार महिला की पहचान सोनो की मनिता देवी के रूप में हुई. वहीं युवक की पहचान मलयपुर थाना क्षेत्र के पतौना निवासी सुखदेव यादव के पुत्र सोनू कुमार के रूप में हुई है. हालांकि पुलिस ने पूछताछ के बाद उक्त युवक को निर्दोष पाकर पीआर बांड भरा कर छोड़ दिया.
दवा समेत साक्ष्यों को लेकर भागने के फिराक में थी फर्जी नर्स
थानाध्यक्ष आलोक कुमार ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा कि गिरफ्तार महिला एक युवक के साथ शनिवार देर शाम दुर्गा इमरजेंसी हॉस्पिटल का ताला खोलकर उसमें रखी दवा सहित अन्य साक्ष्यों को लेकर भागने के फिराक में थी. इसी दौरान गश्ती मे निकले थाना के एसआइ विवेक कुमार यादव व सावन कुमार की नजर उक्त हाॅस्पिटल के खुले दरवाजे पर पड़ी. उन्होंने वरीय अधिकारियों को सूचना देकर जब अस्पताल के दरवाजे के पास जाकर देखा तो अंदर एक महिला व एक युवक हॉस्पिटल में रखे आवश्यक सामग्रियों को समेट रहे थे. मामले की सूचना के बाद थानाध्यक्ष आलोक कुमार, मजिस्ट्रेट प्रखंड कृषि पदाधिकारी कपिलदेव पासवान व रेफरल अस्पताल के प्रभारी डाॅ डीके धुसिया के साथ पहुंचे और पूरे मामले की जांच पड़ताल की. हॉस्पिटल में रखी कई मरीजों की पर्ची, जांच रिपोर्ट सहित कई चीज़ों को जब्त कर लिया गया. इसके बाद मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में हॉस्पिटल को सील कर दिया गया.
सफाई कर्मी के रूप में थी कार्यरत, डाक्टर मनीष यादव के नहीं रहने पर प्रसव भी कराती थी
पुलिस गिरफ्त में आयी महिला सोनो की मनिता कुमारी ने पुलिस को बताया कि डॉ मनीष यादव उक्त हॉस्पिटल का संचालक था और वह वहां सफाई कर्मी के रूप में कार्यरत थी. लेकिन डाक्टर मनीष यादव के नहीं रहने पर महिलाओं का प्रसव भी कराती थी. उसने पुलिस को बताया कि पहले वह जिला मुख्यालय में किसी महिला चिकित्सक के यहां नर्स के रूप में काम करती थी, लेकिन बाद में डॉ मनीष के संपर्क में आने के बाद वह केनुहट स्थित दुर्गा इमरजेंसी हॉस्पिटल आ गयी.
मां दुर्गा इमरजेंसी हॉस्पिटल में दो दिन पहले जच्चा-बच्चा की हुई थी मौत
ज्ञात हो कि दो दिन पूर्व केनुहट स्थित मां दुर्गा इमरजेंसी हॉस्पिटल में मोहनपुर थाना क्षेत्र के काला गांव से एक महिला पूनम देवी प्रसव के लिए आयी थी. प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा की मौत हो गयी थी. घटना के बाद उक्त हॉस्पिटल के संचालक मनीष यादव व फर्जी नर्स समेत सभी कर्मी हॉस्पिटल में ताला लगाकर फरार हो गये थे. इस मामले में मृतक के परिजनों ने हॉस्पिटल संचालक व झोलाछाप चिकित्सक गिद्धौर थाना क्षेत्र के कुड़ीला निवासी मनीष यादव के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था.
बख्शे नहीं जाएंगे दोषी: थानाध्यक्ष
मामला बहुत संगीन है. गिरफ्तार महिला ने ही झोलाछाप चिकित्सक के साथ मिलकर काला की मरीज का प्रसव कराया था. इस घटना में और जिसकी भी संलिप्तता उजागर होगी उसे भी गिरफ्तार किया जायेगा. किसी को बख्शा नहीं जाएगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है