जमुई. जिले में सड़क सुरक्षा को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय में मंगलवार को सड़क सुरक्षा समिति की बैठक हुई. उक्त बैठक में जिलाधिकारी राकेश कुमार तथा पुलिस अधीक्षक डॉ शौर्य सुमन ने जिले में हो रही सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण और सुरक्षा उपायों पर विस्तृत चर्चा की गयी. बैठक में सड़क सुरक्षा से संबंधित गतिविधियों की निगरानी और सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों का गहन अध्ययन किया गया. इसके साथ ही, दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों की पहचान और उनका समाधान निकालने के उपायों पर भी विचार-विमर्श हुआ. जिले में दुर्घटना प्रवण क्षेत्रों (ब्लैक स्पॉट्स) की पहचान और वहां पर इंजीनियरिंग, एजुकेशन, इनफोर्समेंट तथा इमरजेंसी (चार ई) के महत्व को समझते हुए आवश्यक उपाय करने का निर्देश दिया गया. मौके पर डीएम-एसपी ने सड़क दुर्घटना के समय पीड़ितों को त्वरित चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए एंबुलेंस की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने पर भी विशेष जोर दिया.
एंबुलेंस की पर्याप्त उपलब्धता की जायेगी सुनिश्चित
बैठक में यह तय किया गया कि जिले में एंबुलेंस की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी ताकि दुर्घटनाओं के बाद पीड़ितों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा सके और प्रतिक्रिया समय में सुधार हो सके. इसके अतिरिक्त, वाहनों की तेज गति के कारण हो रही दुर्घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से सड़कों की गति सीमा निर्धारित करने पर भी विचार किया गया. बैठक में निर्णय लिया गया कि चिन्हित सड़कों पर अधिकतम गति सीमा के निर्धारण के बाद संबंधित कार्य एजेंसी द्वारा पर्याप्त संकेतक या साइन बोर्ड लगाए जाएंगे, जिससे ओवर स्पीडिंग पर नियंत्रण पाया जा सके. बैठक में सिविल सर्जन, अनुमंडल पदाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी समेत अन्य महत्वपूर्ण अधिकारी भी उपस्थित थे. सभी अधिकारियों ने इस बैठक में अपने सुझाव और विचार प्रस्तुत किए, ताकि जिले में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और सड़क सुरक्षा को बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें. बैठक में ””””गुड सेमेरिटन”””” पहल को बढ़ावा देने पर भी चर्चा हुई, जिससे सड़क दुर्घटना पीड़ितों की मदद के लिए आम लोगों को प्रोत्साहित किया जा सके.
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