प्रकृति से कदमताल कर आत्मनिर्भर हो रहा नेचर विलेज मटिया
Jamui news :ये बिल्कुल ऐसा गांव बनता जा रहा है, जैसा किस्से-कहानियों में सुनने को मिलता है. यहां के लोग ग्रामीण जीवनशैली को एक नया नजरिया दे रहे हैं.
Jamui news : जमुई जिले के लक्ष्मीपुर प्रखंड क्षेत्र का मटिया गांव अब अपने पुराने नाम मटिया से नहीं जाना जाता. अब इस गांव को एक नयी पहचान मिल गयी है. मटिया अब नेचर विलेज के नाम से जाना जाने लगा है. यहां के लोग अब पर्यावरण के प्रति इतने जिम्मेवार हो गये हैं कि प्राकृतिक संसाधनों का दोहन किये बगैर अपने आप को आत्मनिर्भर बनाने में दिन-रात लगे हैं. जमुई जिले का यह गांव ग्रामीण परिवेश की एक आदर्श तस्वीर प्रस्तुत कर रहा है. ये बिल्कुल ऐसा गांव बनता जा रहा है, जैसा किस्से-कहानियों में सुनने को मिलता है. यहां के लोग ग्रामीण जीवनशैली को एक नया नजरिया दे रहे हैं.
यहां की महिलाएं भी पुरुषों से पीछे नहीं
इसमें महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करती हैं. गांव के लोग आत्मनिर्भर बन सकें, इसलिए ये हर रोज नयी तकनीक सीखते हैं. यहां कई प्रशिक्षण शिविर चलाये जाते हैं, ताकि इस गांव के लोग उद्यमिता की तरफ अग्रसर हो सकें. गांव से इसकी अपनी ग्रामीण पहचान न छिन जाये, इसलिए सुबह होते ही लोग योगाभ्यास करते हैं और शाम में चौपाल लगाते हैं. इस गांव में किसी एयरकंडीशन कमरे में कोई बैठक नहीं होती, बल्कि यहां चौपालें लगती हैं और वो भी पुराने जमाने की तरह. बिल्कुल खुले आसमान में पुराने विशाल पेड़ के नीचे. इतना ही नहीं यह गांव अब जैविक भी बनता जा रहा है तथा यहां लोग किसी भी उर्वरक का उपयोग किये बगैर खेती करते हैं. इसके साथ ही उसकी प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और सप्लाई भी करते हैं.
हर्बल गुलाल व हर्बल मसालों का भी करते हैं निर्माण
नेचर विलेज मटिया की परिकल्पना लक्ष्मीपुर प्रखंड क्षेत्र के निवर्तमान अंचलाधिकारी निर्भय प्रताप सिंह के नेतृत्व में इस गांव के लोगों ने की थी. तब से ये लोग अपने सपने को साकार रूप देने में लगे हुए हैं. इस गांव के लोगों ने होली के दौरान अलग-अलग फूल और पत्तियों से हर्बल गुलाल तैयार किया था. इसे लेकर बकायदा इस गांव की महिलाओं ने ट्रेनिंग ली. इस गांव की महिलाएं हर्बल मसाले तैयार करती हैं और इसका भी कारोबार करती हैं. महिलाएं इसके अलावा भी कई सारे काम करती हैं तथा नेचर विलेज के सपने को साकार करने में दिन-रात एक की हुई हैं.
नेचर विलेज बनाने की प्रक्रिया 2023 से हुई शुरू
मटिया को नेचर विलेज बनाने की शुरुआत 16 अप्रैल, 2023 को की गयी. इसके लिए तत्कालीन लक्ष्मीपुर सीओ निर्भय प्रताप सिंह ने आदर्श गांव बनाने के लिए पहल की. शुरुआत में बाजार के लोगों के साथ कई दौर की बैठक की. लोगों को जागृत किया.बाजारवासियों ने इसके लिए सहमति प्रदान की. इसके बाद 14 सदस्यीय कमेटी गठित की गयी. इसका नाम नेचर विलेज मटिया दिया गया. कमेटी का पंजीयन 24 सितंबर, 2023 को हुआ. कमेटी द्वारा बाजार के लोगों तथा आपसी आर्थिक तथा मानसिक सहयोग से 15 सूत्रीय कार्यक्रम संचालित करने पर सहमति बनी. इसमें बाजार को अतिक्रमणमुक्त करना, स्वच्छता, शिक्षा, कृषि, सौंदर्यीकरण, पौधरोपण, नारी सशक्तीकरण, पुस्तकालय का निर्माण, योग आदि शामिल किये गये. कमेटी की देखरेख में कार्य को आगे बढ़ाया गया. आज नेचर विलेज मटिया नारी सशक्तीकरण के साथ-साथ प्रखंड के अन्य गावों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लोगों को जागरूक कर रहा है. नेचर विलेज को जिलाधिकारी समेत कई संस्थाओं के लोगों ने आकर देखा व सराहना करते हुए सहयोग करने की बात कही. नेचर विलेज मटिया में आज महिलाएं सिलाई करने, किचन में उपयोग होने वाले मसाले, हर्बल गुलाल बनाने, मोटे अनाज से लड्डू बनाने, अगरबत्ती बनाने जैसे कई तरह के कार्य कर रही हैं.
अब अन्य गांवों को भी बनाया जायेगा आत्मनिर्भर
प्रखंड क्षेत्र के अन्य गांवों को भी अब आत्मनिर्भर बनाया जायेगा. इसे लेकर आनंदपुर गांव के ग्रामीणों ने भी पहल कर दी है. इसके पूर्व हरला गांव में भी लोगों ने स्वच्छता अभियान शुरू किया था. आनंदपुर गांव में भी ग्रामीणों ने इसकी शुरुआत स्वच्छता अभियान चला कर की. काफी संख्या में गांव की महिलाएं व पुरुष अपने हाथों में झाड़ू लेकर निकले व गांव के सड़कों की सफाई की. इस अभियान में नेचर विलेज मटिया के संरक्षक निर्भय प्रताप सिंह भी शामिल थे. इस मौके पर नेचर विलेज के संरक्षक निर्भय प्रताप सिंह ने कहा कि स्वच्छता अभियान से केवल गांव की सड़कों, गलियों तथा मंदिरों की सफाई ही नहीं होती है. बल्कि मनुष्य के अंदर बसे वैमनस्य तथा विद्वेष जैसे मैल की भी सफाई होती है. इससे सामाजिक एकता का भी संदेश जाता है. उन्होंने कहा कि सभी काम सरकार के भरोसे छोड़ देना उचित नहीं है. बता दें कि पूर्व में इस गांव में नेचर विलेज के बैनर तले गांव को आत्मनिर्भर गांव बनाने को लेकर ग्रामीणों के साथ एक बैठक कर चर्चा की गयी थी. इसमें स्वच्छता, शिक्षा, कृषि, योगा पर विशेष बल दिया गया था.इसकाे लोगों ने पूर्ण समर्थन दिया था.