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फसल संरक्षण को ले ड्रोन से खेतों में होगा दवा का छिड़काव

आवेदन करें क्षेत्र के किसान, मिलेगा लाभ, पौधा संरक्षण विभाग कर रहा पहल

आवेदन करें क्षेत्र के किसान, मिलेगा लाभ, पौधा संरक्षण विभाग कर रहा पहल

गिद्धौर

फसलों को कीट के प्रकोप से सुरक्षित करने के लिए पौधा संरक्षण विभाग ड्रोन से कीटनाशक दवा का छिड़काव कराया जायेगा. इसके लिए जमुई जिले में भी सैकड़ों एकड़ में लगी फसल में छिड़काव का लक्ष्य दिया गया है, योजना का लाभ लेने के लिए विभाग द्वारा पोर्टल खोल रखा गया है. क्षेत्र के कोई भी किसान इसे लेकर आवेदन कर सकते हैं. हालांकि इस योजना का लाभ लेने के लिए कम-से-कम एक एकड़ खेत होना आवश्यक है. ड्रोन से छिड़काव बड़े पैमाने पर होना है, इसलिए रकबा भी बड़ा होना चाहिये. इसके लिए सरकार द्वारा अनुदान भी दिया जायेगा. रबी फसल के लिए यह योजना कृषि विभाग ने लायी है. पौधे निकलने के बाद छिड़काव की शुरुआत की जा सके, इसके लिए कृषि विभाग द्वारा अभी से तैयारी की जा रही है.

प्रति एकड़ मिलेगा अनुदान

इस योजना के तहत छिड़काव में एक एकड़ पर करीब 480 रुपये खर्च होगा. इसमें सरकार द्वारा 240 रुपया अनुदान दिया जायेगा. एक किसान अधिकतम 10 एकड़ के लिए लाभ ले सकते हैं, किसानों को सिर्फ पानी उपलब्ध कराना है, दवा एजेंसी द्वारा दिया जायेगा. छिड़काव के लिए कम से कम एक एकड़ रकबा होना जरूरी है, यदि एक किसान के पास रकबा नहीं है तो तीन चार किसान मिलकर एक जगह पर छिड़काव करा सकते हैं.

निबंधित किसानों को ही मिलेगा योजना का लाभ

योजना का लाभ डीबीटी पोर्टल पर निबंधित किसानों को ही दिया जायेगा. यह खासकर दलहन, तेलहन, गेहूं, मक्का एवं आलू की खेती के लिए लागू किया गया है. खरपतवार एवं कीट के कारण प्रतिवर्ष 35 प्रतिशत फसल बर्बाद हो जाती है, किसान पारंपरिक विधि से दवा का छिड़काव करते हैं, इस कारण खर्च तो बढ़ता ही है फसल को भी नुकसान होता है. मानव शरीर पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ता है. ड्रोन से छिड़काव होने पर काफी सुविधा होगी, दवा भी बर्बाद नहीं होगी.

10 एकड़ रकबा वाले किसानों को प्राथमिकता

ड्रोन से छिड़काव के लिए रकबा भी बड़ा होना जरूरी है, इसलिए 10 एकड़ वाले रकबा को प्राथमिकता दी जायेगी. आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गयी है, जिन किसानों को योजना का लाभ लेना है वो डीबीटी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, पहले आओ पहले पाओ के तर्ज पर योजना का लाभ दिया जायेगा. चयन के लिए आवेदन के बाद कृषि समन्वयक किसान सलाहकार द्वारा स्थल जांच के सत्यापन के बाद ही लाभुक का चयन किया जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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