जमुई में बंधक बेटे को छुड़ाने के लिए मासूम को सड़कों पर बेचने के लिए निकली मां, तीस हजार में तय हुआ सौदा

Bihar news: जमुई में पांच हजार कर्ज के लिये एक ठेकेदार ने मजदूर दंपति के बेटे को बंधक बना लिया. बंधक बेटे को छुड़ाने के लिए मजदूर दंपति मासूम नवजात को बेचने के लिए सड़कों पर निकली. हैरत कि बात यह है कि नवजात मासूम का तीस हजार रुपये में सौदा भी तय हो गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 11, 2022 7:17 PM

जमुई, गुलशन कश्यप: नवादा में कर्जखोरी के दंश में एक ही परिवार के छह लोगों ने आत्महत्या कर ली. अभी इस विभीषिका की आग ठंडी भी नहीं हुई है कि जमुई से कर्जखोरी के प्रकोप की ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं. जिसने ना सिर्फ लोगों को विचलित किया है बल्कि संभ्रांत समाज के सामने कई ऐसे प्रश्न उठा दिए हैं. जिसका जबाव मिलना कठिन है. दरअसल, कर्ज के बोझ में दबे एक परिवार के सामने ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हो गई कि वो परिवार बाजार की गलियों में अपने नवजात बच्चे को बेचने निकल पड़ा. हैरत कि बात यह है कि नवजात मासूम का तीस हजार रुपये में सौदा भी तय हो गया.

‘बच्ची को बेचने के लिए ग्राहक का इंतजार कर रहे थे मां-बाप’

दरअसल, मामला जिले के झाझा थाना क्षेत्र का है, जहां शुक्रवार शाम एक पति-पत्नी अपनी नवजात बच्ची को गोद में लिए सड़कों पर घूमकर उसके ग्राहक का इंतजार कर रही थी. यह कहानी गुंडा बैंक की कर्जखोरी और पांच गुना ब्याज से जुड़ा हुआ है. जानकारी के अनुसार झाझा थाना क्षेत्र के पुरानी बाजार स्थित महादलित टोला निवासी एक मजदूर एक साल पहले रामगढ़ स्थित एक ईंट-भट्ठा पर काम करता था. इसी दौरान उसने ठेकेदार थे 5 हजार रुपया ब्याज पर लिया था. पैसे लेने के बाद वह 7 महीने तक उसी चिमनी भट्ठा पर काम करता रहा, परंतु उसका पैसा वसूल होने की बजाय बढ़ता ही चला गया.

ठेकेदार ने 10 वर्षीय बेटे को बनाया बंधक

मजदूर दंपति के द्वारा लगातार काम करने और कर्ज वसूल नहीं होने के बाद मजदूर दंपति बीते कुछ दिन पहले भट्ठे से किसी तरह बचकर भाग निकला. घर आने के बाद वह अपने परिवार के साथ रहने लगा, लेकिन उस ठेकेदार ने कुछ अन्य मजदूरों का सहयोग लेकर इसके एक 10 वर्षीय बेटे को इसके घर से उठवा लिया और बंधक बना लिया. अपने बेटे को बंधक बनाए जाने के बाद जब उक्त मजदूर के द्वारा ठेकेदार से बात की गई तो उसके द्वारा कहा गया कि करीब 5 गुना पैसा चुकाने के बाद वह उसके बेटे को रिहा करेगा. जिसके बाद आर्थिक तंगी से जूझ रहे मजदूर परिवार ने बंधक बने अपने बेटे को छुड़ाने के लिए अपनी नवजात बेटी का सौदा करने का मन बना लिया.

तीस हजार रुपये में तय हुआ नवजात का सौदा

अपने बंधक बनाये गये बेटे को छुड़ाने के लिए मजदूर दंपति शुक्रवार को अपनी मासूम बेटी को गोद में लेकर उसे बेचने के लिए झाझा बाजार के सड़कों पर निकल पड़े. इस दौरान झाझा में रहने वाली एक वृद्ध महिला के द्वारा 30 हजार रुपये में उसकी बेटी को खरीदने का सौदा भी तय कर लिया गया. परंतु बच्चे को सुपुर्द करने से पहले कागजी लिखा पढ़ी बीच में आ गई तथा इस पूरे प्रकरण का भांडा फूट गया. जिसके बाद झाझा पुलिस को इसकी सूचना दी गई और पुलिस के द्वारा हस्तक्षेप से मासूम बच्ची को बिकने से बचा लिया गया.

मजदूर परिवार ने बंधक बेटे को छुड़ाने की लगायी गुहार

मजदूर परिवार ने बताया कि उक्त ठेकेदार के द्वारा लगातार मेरे बेटे के साथ मारपीट की जाती है और फोन पर उसके रोने की आवाज सुनाई जाती है. उनका 10 वर्षीय बेटा अभी भी कर्जखोरों के चंगुल में ही फंसा हुआ है. उसके परिजनों ने अपने बेटे को भी उनके चंगुल से रिहा कराने की गुहार लगाई है.

गौरतलब है कि अभी एक दिन पहले ही नवादा जिले में कर्ज के आगोश में पड़कर एक ही परिवार के 6 लोगों के द्वारा सामूहिक आत्महत्या करने का मामला प्रकाश में आया है. इस घटना ने सबको विचलित कर दिया है और अब जमुई जिले से भी ऐसे ही तस्वीरें सामने आई है. फिलहाल पूरे घटना की सूचना पुलिस को दी गई है.

Next Article

Exit mobile version