मुंगेर. मुंगेर शहर में गुरुवार को सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप रही. न तो सड़कों पर झाड़ू लगा और न ही शहर से कूड़ों का उठाव किया गया. शहर से कूड़ा उठाव नहीं होने के कारण गंदगी का ढेर दिनभर बजबजाता रहा. उससे निकलने वाली दुर्गंध ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया. सफाई कार्य गुरुवार को ठप रहेगा इसे लेकर न तो निगम प्रशासन ने किसी प्रकार की सूचना शहर वासियों को दी और न ही वार्ड जमादार ने लोगों को इसके बारे में बताया. इसके कारण शहरवासी परेशान रहे.
दिन भर बजबजाती कूड़े व दुर्गंध ने किया परेशान
जिस मुंगेर शहर से प्रतिदिन 60 से 70 टन कूड़ा का उठाव होता है. अगर उस शहर में एक दिन भी कूड़ा का उठाव नहीं हो तो इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर की हालत क्या हो जायेगी. गुरुवार का दिन शहरवासियों के लिए काफी परेशानियों से भरा रहा. क्योंकि बिना किसी सूचना के ही निगम के स्थायी, दैनिक व एनजीओ के 700 से अधिक सफाई मजदूर सड़कों पर सफाई करने नहीं निकले. इसके कारण शहर की सड़कों पर दिन भर झाड़ू नहीं लग पाया. इतना ही नहीं शहर में बने 50 से अधिक स्थानों पर अस्थाई डंप यार्ड से कूड़ों का उठाव नहीं हुआ. इसके कारण गुलजार पोखर मोड़, टाउन हॉल किताब गली के सामने, बड़ी बाजार केनरा बैंक के सामने सहित अस्थाई डंप यार्ड में कूड़ों का ढेर यू ही पड़ा रहा. विदित हो कि बुधवार की दोपहर ही शहर से कूड़ों का उठाव नहीं हुआ था. इसके कारण गुरुवार की सुबह कूड़ों का ढेर दुगना हो गया. बुधवार की रात बारिश होने के कारण कूड़ों के ढेर से दुर्गंध निकल रही थी. जिसके कारण राहगीर, स्थानीय लोग व दुकानदार सभी परेशान रहे.
राज्यस्तरीय प्रदर्शन के नाम पर सफाईकर्मियों ने मनायी छुट्टी
बिहार लोकल वॉडिज इम्पलाईज फेडरेशन की ओर से पांच सूत्री मांगों को लेकर गुरुवार को विधानसभा घेराव किया गया. इसमें मुंगेर इकाई के महामंत्री व कुछ नेता पटना गये. लेकिन 99 प्रतिशत स्थाई, दैनिक व एनजीओ कर्मी मुंगेर में ही रहे, जिन्होंने प्रदर्शन के नाम गुरुवार को छुट्टियां मनायी. उनको यह भी ख्याल नहीं रहा है कि अभी डेंगू जैसी महामारी बढ़ने की आशंका है. इसलिए सफाई करनी जरूरी है. कुछ सफाई कर्मी ड्यूटी पर निकले तो पता चला कि वार्ड जमादार नहीं है. उनकी हाजिरी कैसे बनेगी.
बिना वैधानिक आदेश के सफाई कार्य बंद करने पर गरमायी राजनीति
मुंगेर. मुंगेर शहर में गुरुवार को बिना अवकाश के व वैधानिक आदेश के सफाई कार्य बंद कर दिये जाने पर राजनीति गरमा गयी. नगर निगम सेवानिवृत्ति संघ के उपाध्यक्ष आनंदी प्रसाद यादव ने कहा है कि बिना कोई सरकारी आदेश एवं सूचना के सफाई कार्य पूरी तरह से बंद कर देना घोर अन्याय है. इससे शहर की सफाई व्यवस्था भी पूरी तरह चरमरा गयी. उन्होंने कहा है कि नगर निगम मुंगेर के कथित नेता जिसे नगर निगम प्रशासन ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया है और भ्रष्टाचार का आरोप है, ऐसे भ्रष्टाचारी कर्मियों को गुमराह कर अपने प्रदर्शन में पटना ले गये, जबकि स्थिति यह रही कि शहर में सफाईकर्मी अपने कार्य को संपन्न करने के लिए वार्ड जमादार को ढूंढ़ते रहे.सफाई ठप रहने का जिम्मेदार महापौर व सफाई नेता
मुंगेर. शहर में गुरुवार को सफाई कार्य ठप रहने पर कई वार्ड पार्षदों ने रोष प्रकट किया और इसके लिए सीधे तौर पर महापौर और सफाई नेता को जिम्मेदार ठहराया. वार्ड पार्षद राजेश कुमार रजक, प्रसून्न कुमार, राजेश कुमार ठाकुर, श्वेता रानी, पूनम देवी, पंकज कुमार, विजय यादव, भरत यादव ने बताया कि वार्ड जमादार से पूछा गया कि आज वार्ड में सफाई क्यों नहीं हो रही तो उन्होंने बताया कि नेताजी ब्रह्मदेव महतो द्वारा सभी सफाईकर्मी को पटना जाने के लिए कहा और यह भी कहा कि गुरुवार के बदले आपलोग रविवार को काम पर जाएं. क्या नगर निगम एक्ट में ऐसा कोई प्रावधान है कि बिना सूचना दिये यूनियन नेता के कहने पर पूरे नगर निगम का कार्य ठप कर दिया जाये. यह पूरी तरह मनमानी है. बरसात के दिनों में सफाई नहीं होने से डेंगू जैसी महामारी उत्पन्न होने की आशंका है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है