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अनिश्चित हड़ताल पर गये एनएचएम कर्मियों ने दिया धरना, कार्यों का किया बहिष्कार

सामुदायिक स्वस्थ केंद्र सोनो में नेशनल हेल्थ मिशन के तहत कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों ने ऑफ लाइन व ऑन लाइन दोनों तरह के अपने कार्यों का बहिष्कार कर दिया है.

प्रतिनिधि, सोनो. सामुदायिक स्वस्थ केंद्र सोनो में नेशनल हेल्थ मिशन के तहत कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों ने ऑफ लाइन व ऑन लाइन दोनों तरह के अपने कार्यों का बहिष्कार कर दिया है. अपने विभिन्न मांगों के समर्थन में बीते 6 जुलाई से हड़ताल कर ऑनलाइन कार्यों से दूरी बना रहे एनएचएम कर्मियों ने बीते 24 जुलाई से ऑफ लाइन कार्यों का भी बहिष्कार कर दिया है. शुक्रवार को अस्पताल परिसर में दर्जनों एनएचएम कर्मी धरना पर बैठे. हाथों में अपनी मांगे लिखे तख्ती लेकर धरना पर बैठे कर्मियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का फैसला किया है. उनके द्वारा घोषित इस हड़ताल और कार्यों के बहिष्कार का सोनो में स्वास्थ्य सेवा पर असर देखने को मिल रहा है. एनएचएम कर्मियों ने बीते बुधवार से ऑनलाइन व ऑफलाइन सभी तरह के कार्यों का बहिष्कार किया है. वहीं शुक्रवार को सभी हड़ताली कर्मी धरना पर बैठे रहे. गौरतलब हो कि एनएचएम के तहत कार्यरत संविदा कर्मी राज्य संघ के आह्वान पर फेस अटेंडेंस (एफआरएएस) का विरोध करते हुए समान काम के लिए समान वेतन सहित पांच सूत्री मांगों के समर्थन में गत छह जुलाई से हड़ताल पर हैं. बताते चलें कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा नेशनल हेल्थ मिशन के तहत स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों के लिए विभाग के एफआरएएस पोर्टल पर चेहरे से उपस्थिति दर्ज किए जाने की अनिवार्यता की गयी है. कर्मियों ने इसका विरोध किया है क्योंकि यह नियम सिर्फ इन्हीं संविदा कर्मियों पर लागू है, स्थाई कर्मियों पर लागू नहीं है. धरना पर बैठी बबली कुमारी कहती है कि हमें एफआरएस से परेशानी नहीं बल्कि सरकार के दोहरी नीति पर आपत्ति है क्योंकि यह स्थाई कर्मियों पर लागू नहीं है, जबकि उनका वेतन व सुविधाएं हमसे काफी अधिक है. जावेद हुसैन कहते है कि सरकार हमारे साथ दोहरी नीति अपनाकर सौतेला व्यवहार कर रही है. प्रियंका कुमारी कहती है कि सरकार हमारी मजबूरी नहीं देख रही है. सेंटर पर सुविधाओं का घोर अभाव है फिर भी सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक की ड्यूटी दूरस्थ इलाके में करना मुश्किल भरा है. कर्मी अमृता रानी बताती है कि सेंटरों पर पानी व शौचालय जैसी मूलभूत सुविधा भी नहीं है. दूर इलाके से शाम में वापसी के लिए वाहन नहीं मिलते. सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं. इन सभी परिस्थिति से जूझते हुए ड्यूटी करने पर भी हमें स्थाई कर्मियों की तरह सुविधा नहीं मिलती इसलिए हम विरोध करते हुए हड़ताल पर है और ऑन लाइन से लेकर ऑफ लाइन सभी कार्यों का बहिष्कार किए है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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