सिकंदरा. अब जाने नेतुला माता, हमसे गलती हो गयी, मैया गलती क्षमा करें… कुछ इसी तरह की बातें अब अलीगंज प्रखंड के कैयार गांव निवासी राजेंद्र सिंह के पुत्र शंकर कुमार और उनके परिवार के सदस्य लगातार कह रहे हैं. शंकर, उसकी पत्नी व मां लगातार मां नेतुला की दरबार में कष्टी दे कर क्षमा की गुहार लगा रहे हैं. बताया गया कि महाष्टमी की रात शंकर माता नेतुला के दरबार में पहुंचा था और इस दौरान उसने मंदिर परिसर में बलि स्थान के समीप थूक फेंक दिया था. माता के दरबार से वापस लौटने के बाद अचानक उसकी तबीयत खराब होने लगी. अचानक ही उसकी आंखों की रोशनी चली गयी और उसके मुंह से आवाज निकलनी भी बंद हो गयी. इसके बाद परिजनों ने शंकर को अलीगंज स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उपचार के बाद भी उसके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं आया. जांच रिपोर्ट भी सामान्य थी. कुछ लोगों के कहने पर शंकर के परिजन उसे झाड़ फूंक के लिए कौआकोल स्थित एक देवी मंदिर ले गये. इस संबंध में शंकर की मां पम्मी देवी व पत्नी रीना देवी ने बताया कि इलाज से उसकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ. इसके बाद लोगों की सलाह पर कौआकोल के समीप एक देवी स्थान गये. जहां एक अदृश्य शक्ति ने शंकर को नेतुला मंदिर में की गयी गलती का अहसास कराया. इस दौरान शंकर ने भी स्वीकार किया कि महाष्टमी की रात मां नेतुला मंदिर परिसर में बलि स्थान के समीप थूक फेंक दिया था. इसके बाद से ही मेरे मन में घबराहट पैदा होने लगी और तबीयत खराब होने लगी. अपनी भूल का अहसास होने के बाद शंकर अपनी मां और पत्नी के साथ रविवार को नेतुला मंदिर पहुंच कर प्रायश्चित करते हुए अपनी भूल के लिए क्षमा मांग रहा है. वह अपनी मां और पत्नी के साथ मंदिर में कष्टी दे रहा है. इस दौरान माता का नीर उसके आंखों में दिया गया. क्षमा प्रार्थना के बाद शंकर के आंखों की रोशनी तो धीरे धीरे लौट आयी, लेकिन वह अब भी बोल नहीं पा रहा है. वहीं बोल पाने में असमर्थ शंकर कुमार ने कागज पर लिख कर पत्रकारों को सारी बातों से अवगत कराया. इस दौरान शंकर की मां पम्मी देवी व पत्नी रीना देवी ने बताया कि क्षमा प्रार्थना व कष्टी देने के बाद आंखों की रोशनी तो लौट आयी है. लेकिन आवाज अभी भी वापस नहीं आ पायी है. इस मामले को लेकर क्षेत्र में तरह तरह की चर्चा हो रही है. वहीं मां नेतुला की महिमा को देख कर लोग आश्चर्यचकित हैं.
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