प्रभात इंपैक्ट: अब प्यास भी बुझेगी और सब्जी की फसल भी लहलहायेगी

पहाड़ व जंगल के बीच स्थित सिद्धेश्वरी में प्रशासन करा रहा है बोरिंग

By Prabhat Khabar News Desk | May 29, 2024 10:01 PM

विनय कुमार मिश्र, सोनो. पहाड़ और घने जंगल में स्थित बेलंबा पंचायत के सिद्धेश्वरी गांव के खेतों में अब फिर से सब्जी के पौधे लहलहाएंगे. अब यहां के लोगों की प्यास भी बुझेगी और खेतों में हरियाली दिखेगी. दरअसल समाजसेवी व चिकित्सक डॉ एमएस परवाज और डीडीसी सुमित कुमार के प्रयास से यहां पीएचईडी द्वारा मशीन से बोरिंग किया जा रहा है. सिद्धेश्वरी स्थित वृद्धाश्रम परिसर में हो रहे बोरिंग से न सिर्फ वृद्धाश्रम और आसपास के लोगों के पेयजल की समस्या दूर हो जाएगी, बल्कि समीप ही कई एकड़ में होने वाली सब्जी की खेती के लिए सिंचाई की व्यवस्था भी हो जाएगी. पहाड़ के ऊपर जंगल के बीच मशीन से बोरिंग करने की शुरुआत हो चुकी है. सैकड़ों फीट नीचे के भरपूर जल स्रोत तक बोरिंग होगा. इससे यहां जल संकट का निदान हो सकेगा. सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता से सब्जी की बेहतर खेती कर आर्थिक रूप से सशक्त बनने का ग्रामीणों का सपना अब पूरा हो सकेगा. इसके साथ ही वृद्धाश्रम के वृद्धों और समीप के घरों को पेयजल भी मिल सकेगा. कई ग्रामीणों ने डीडीसी, पीएचईडी के पदाधिकारी और डाॅ परवाज को इसके लिए धन्यवाद दिया.

पेयजल की भी होने लगी थी दिक्कत तो सिंचाई के लिए कहां से आता पानी, सूख गयी थी सब्जी की फसल:

दरअसल कभी अति नक्सल प्रभावित रहे इस क्षेत्र के आदिवासी समुदाय के लोगों के समक्ष आर्थिक उपार्जन का जरिया लकड़ी और पत्ता बेचना ही रह गया था. शराब बंदी के बाद से यहां महुआ शराब निर्माण का पुश्तैनी कार्य बंद हो गया. ऐसे में डाॅ परवाज व उनके मित्र समाजसेवियों ने ग्रामीणों को जागरूक कर सब्जी की खेती करने को तैयार किया. इफको ने भी किसानों को जागरूक करने में सकारात्मक प्रयास किया. हालांकि बाजार की प्रतिस्पर्धा को देखते हुए यहां बिना रासायनिक खाद और बिना कीटनाशक का उपयोग किये सब्जी उपजाने का मन बनाया गया. जाड़े के समय में कुछ ग्रामीणों ने कभी लाल गलियारा रहे यहां के भू भाग पर सब्जी की खेती शुरू की. जाड़े के दिनों में शुरू की गयी सब्जी की यह खेती शुरुआती समय में तो ठीक रही. टमाटर, बैगन, मिर्च, गोभी जैसी सब्जियां खूब उगी. लेकिन किसानों को तब झटका लगा जब गर्मी आते ही पानी के अभाव में सब्जियों का फसल सूखने लगी. मई आते-आते सब्जी के पौधे सूख गये और इसी के साथ किसानों के सपने भी सूखने लगे थे. दरअसल सब्जी की खेती के लिए प्रोत्साहित करने वाले कई विभागीय पदाधिकारियों ने उस समय तो सिंचाई की व्यवस्था के लिए बोरिंग करवाने का वादा किया था, लेकिन बाद में धरातल पर कुछ नहीं हुआ. बोरिंग नहीं होने से सिंचाई के अभाव में सब्जी की खेती बुरी तरह प्रभावित हो गयी थी.

पानी का अभाव और सूख रहे सब्जी के पौधे को लेकर प्रभात खबर ने छापा था समाचार:

सुदूरवर्ती पहाड़ी क्षेत्र के लोगों की इस परेशानी को प्रभात खबर ने प्रमुखता से छापा था. लाल गलियारे में लगी सब्जी की हरी फसल पड़ गयी पीली शीर्षक से छपी इस खबर का असर हुआ और पदाधिकारियों ने इस मामले में पहल करते हुए पीएचईडी को सिद्धेश्वरी में अविलंब बड़ी मशीन से बोरिंग कराने का निर्देश दिया. समाजसेवी डाॅ एमएस परवाज बताते हैं कि प्रभात खबर के इस न्यूज के बाद डीडीसी ने यहां पेयजल और सिंचाई के लिए जल की व्यवस्था को लेकर फिलहाल एक बोरिंग करवाने की व्यवस्था की है. बोरिंग वृद्धाश्रम परिसर में कराया जा रहा है, ताकि वृद्ध आश्रम में पेयजल की समस्या दूर हो सके और इसी बोरिंग से सब्जी के खेतों तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचायी जा सके.

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