Bihar News: जलजमाव की जांच करने जमुई आए जल संसाधन विभाग के अधिकारी की विधायक के सामने ही डीडीसी से बहस हो गई. इस दौरान विधायक श्रेयसी सिंह ने हस्तक्षेप कर मामले को शांत कराया.
दरअसल, जिले के खैरा प्रखंड क्षेत्र के मांगोबंदर स्थित रविदास टोला में मुख्य सड़क पर जलजमाव की सूचना मिलने के बाद जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता आदित्य कुमार भागलपुर से जमुई आए थे. विधायक श्रेयसी सिंह और जमुई के उप विकास आयुक्त सुमित कुमार भी इसकी जांच करने पहुंचे थे. इस दौरान डीडीसी ने कार्यपालक अभियंता आदित्य कुमार से एक सप्ताह बाद मामले का संज्ञान लेने का कारण पूछा तो कार्यपालक अभियंता डीडीसी से बहस पर उतर आए.
क्या हुआ?
हुआ यह कि जिस दौरान सभी अधिकारी जलजमाव का जायजा ले रहे थे तभी उप विकास आयुक्त सुमित कुमार ने कहा कि आपको सूचना देने के एक सप्ताह के बाद आप यहां पहुंचे हैं. इस पर जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता ने कहा कि अगर जलजमाव की जानकारी पत्र के द्वारा दी जाती तब आकर देख लेते. विधायक श्रेयसी सिंह ने जब कहा कि हमने आपको पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी, तब उनका कहना था कि उन्हें पत्र मिला ही नहीं.
श्रेयसी सिंह ने मामला कराया शांत
इस बात पर विकास आयुक्त ने कहा कि आपने जानबूझकर यहां आने में देरी की है. आपके खिलाफ विभाग को पत्र लिखा जाएगा. इतना सुनते ही जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता भड़क उठे और उन्होंने कहा कि आपको जो करना है कर लीजिये. दोनों अधिकारियों के बीच बहस तेज होने लगी. वहां मौजूद जमुई विधायक श्रेयसी सिंह ने बीच-बचाव कर दोनों को समझाया और मामले को शांत कराया.
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क्या कहा विधायक ने
गौरतलब है कि रविदास टोला में नाले का पानी ओवरफ्लो होने के कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही थी और इसकी सूचना जल संसाधन विभाग को दी गयी थी. इसी का जायजा लेने अधिकारी पहुंचे थे. वहीं पूरे मामले पर जमुई विधायक श्रेयसी सिंह ने कहा कि जल जमाव की समस्या के निबटारे को लेकर हम लोग प्रयास कर रहे थे. लेकिन यहां आने के बाद पता चला कि इस विभाग के अधिकारी जमुई में नहीं रहते हैं. विधायक ने कहा कि जल संसाधन विभाग के अधिकारी काफी सुस्त हैं. वहीं डीडीसी ने इस मामले में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया.
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