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Jamui News : एक मां ने फेंक दिया, तो दूसरी ने पेश की इंसानियत की मिसाल

जन्म के थोड़ी ही देर बाद प्लास्टिक में बंद कर बच्ची को फेंका

जमुई.

पूत कपूत भले हो सकते हैं, लेकिन माता कभी कुमाता नहीं होती. लेकिन जमुई में माता की हैरान कर देने वाली दो अलग-अलग तस्वीर सामने आयी है. जहां एक मां ने मानवता को शर्मसार कर दिया,तो वहीं एक दूसरी मां ने दुनिया के सामने इंसानियत की मिसाल पेश की. कहानी जमुई जिला मुख्यालय के सिरचंद नवादा की है. जहां जन्म के थोड़ी ही देर के बाद एक नवजात शिशु को उसकी मां ने प्लास्टिक में बंद कर नाली में फेंक दिया. उस मासूम की गलती बस इतनी थी कि वह एक लड़की थी. लेकिन वहीं जब एक महिला को पता चला, तब उसने न सिर्फ उसकी जान बचायी, बल्कि उसे गोद ले लिया. पूरे जीवन उसके पालन का जिम्मा भी उठा लिया. दरअसल, जमुई जिले के सिरचंद नवादा में गुरुवार को एक छोटी सी बच्ची नाली में बह रही थी. उसकी जान संकट में थी. एक युवक ने बच्ची को देखा और तुरंत अपनी मां को सूचित किया.

दौड़कर पहुंची महिला, मासूम को लगा लिया गले

सिरचंद नवादा मोहल्ले के रहने वाले विजय कुमार रावत और उनकी पत्नी मुन्नी देवी ने इस मासूम नवजात को गोद लिया है. उन्होंने बताया कि उनके रिश्तेदार में किसी की बेटी की आकस्मिक मौत हो गयी थी. उसी के श्राद्ध कर्म में शामिल होने के लिए वे सब गुरुवार को उनके घर जाने की तैयारी कर रहे थे. इसी बीच उन्होंने अपने बेटे आयुष कुमार को अपनी नानी को लाने के लिए भेजा. आयुष जब अपनी नानी को लाने गया तब उसने देखा कि एक मासूम नवजात प्लास्टिक में रखी है और रो रही है. इसके बाद उसने वहीं से अपनी मां मुन्नी देवी को फोन किया. मुन्नी देवी दौड़ते हुए उस नवजात के पास चली गयी और मासूम को गोद में उठा लिया. मुन्नी देवी पहले से दो बेटियों की मां हैं. उन्होंने इस मासूम को गोद लेकर मां की तरह इस बच्ची को पालने का फैसला किया.

किया बच्ची का नामकरण, करवाया टीकाकरण

मुन्नी देवी ने ना सिर्फ इस बच्ची को गोद लिया बल्कि तुरंत अस्पताल ले जाकर मासूम का इलाज करवाया. उसका टीकाकरण कराया. उन्होंने बताया कि बेटियां भगवान की देन होती हैं. हम सब इसे अपनी बेटी की तरह पालेंगे. मुन्नी देवी और उनके पति विजय कुमार रावत ने कहा कि मुझे पहले से दो बेटियां हैं. भगवान ने मुझे तीसरी बेटी दी है. पति-पत्नी के इस फैसले की अब काफी चर्चा हो रही है. यह मामला जिले में काफी चर्चा में बना हुआ है.

बेटियों के आने से बदल गयी जिंदगी

विजय कुमार रावत ने बताया कि जब उनकी शादी हुई थी और सिर्फ पति-पत्नी ही थे, तब स्थिति ऐसी थी कि कई दिनों तक भूखे रहना पड़ता था. लेकिन भगवान ने उन्हें पहले बच्चे के रूप में एक बेटी दी. उन्होंने कहा कि जब से बेटी मेरे घर में आयी, तब से मेरी आर्थिक स्थिति सुधर गयी. उन्होंने कहा कि बेटियां लक्ष्मी की तरह होती हैं. भगवान ने मुझे तीसरी बेटी दी है. उन्होंने उसका नाम वैष्णवी रखा है. परिवार इस बच्चों को पाकर काफी खुश है. वहीं उनके इस सराहनीय काम की काफी चर्चा भी हो रही है. इस पति-पत्नी के इस फैसले ने एक बार फिर से इंसानियत की एक नयी मिसाल पेश की है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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