वाटरफॉल देखने आने वाले लोग फैला रहे गंदगी, की सफाई
एसएसबी ने चलाया अभियान, लोगों से की जंगलों में गंदगी नहीं फैलाने की अपील
खैरा. गिद्धेश्वर जंगल डेढ़ दशक से भी अधिक समय से नक्सल प्रभावित माना जाता रहा है. यहां लगातार नक्सल गतिविधियों के कारण बाहर से लोगों का आना तो छोड़िए, स्थानीय लोग भी इन इलाकों में रहने से कतराते थे. पिछले कुछ समय में इस इलाके की छवि नक्सल प्रभाव से मुक्त होने वाली बनी है. अब इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता निखरकर सामने आ गयी है. यहां कई ऐसे स्थल हैं जो पर्यटन के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है. इन्हीं में से एक गिद्धेश्वर वॉटरफॉल इन दिनों लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. यहां बड़ी संख्या में लोग घूमने आ रहे हैं, लेकिन इन लोगों के द्वारा जंगलों को गंदा कर दिया जा रहा है. बाहरी कचरा लाकर जंगलों में फेंक दिया जा रहा है. इसे लेकर सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 16वीं वाहिनी कमांडेंट मनीष कुमार के निर्देश पर पारसी स्थित एसएसबी ए कंपनी ने जंगलों में स्वच्छता अभियान चलाया. और कचरे की साफ-सफाई की.
आसपास के गांव के युवाओं ने अभियान में किया सहयोग:
इस स्वच्छता अभियान में सकदरी, ताराटांड़, लंगडीटांड़, बीरगोड्डा सहित अन्य गांव के युवाओं ने भी हिस्सा लिया. इस दौरान एसएसबी ने लोगों से जंगलों में गंदगी नहीं फैलने की अपील की. रास्ते में डस्टबिन लगाया गया तथा लोगों को जागरूक करते हुए इसका उपयोग करने की अपील की गयी. 16वीं वाहिनी के उप कमांडेंट विनोद दास ने बताया कि एसएसबी के लगातार प्रयास व नक्सल विरोधी अभियान के कारण यह क्षेत्र अब नक्सल मुक्त हो चुका है. बड़ी संख्या में लोग यहां घूमने आते हैं. इससे क्षेत्र में गंदगी बढ़ती जा रही थी. इसी को लेकर यह अभियान चलाया गया है. उन्होंने कहा कि पर्यटक से भी पंचभूर में साफ-सफाई रखने व कूड़ेदान का इस्तेमाल करने की अपील की गयी. मौके पर सहायक कमांडेंट केतन सालुंके, सहायक कमांडेंट नीरज, निरीक्षक रमेश कुमार गुर्जर सहित एसएसबी के जवान और स्थानीय ग्रामीण मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है