होलिका दहन के साथ ही होली की मस्ती में सराबोर हुए लोग, कल उड़ेगा रंग- गुलाल
होलिका दहन के साथ ही लोग होली की मस्ती में सराबोर हो गये हैं. चारों तरफ सिर्फ होली की ही धूम है. बाजार में रंग, गुलाल, पिचकारी एवं अन्य सामान की खरीदारी को लेकर दुकानों में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.

मुंगेर . होलिका दहन के साथ ही लोग होली की मस्ती में सराबोर हो गये हैं. चारों तरफ सिर्फ होली की ही धूम है. बाजार में रंग, गुलाल, पिचकारी एवं अन्य सामान की खरीदारी को लेकर दुकानों में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. जिसके कारण मुख्य बाजार में गुरुवार को जाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी. यही नहीं बैंक में भी ग्राहकों की काफी भीड़ नजर आयी. होली के मस्ती में लोगों को अपने सेहत का भी ख्याल रखने की जरूरत है़. जिसे लेकर मुख्य रूप से मिलावटी खाद्य सामग्री व मिलावटी रंगों से सावधान रहने की जरूरत है़.
गुरुवार की रात शहर से लेकर गांव तक होलिका दहन कार्यक्रम धूमधाम के साथ संपन्न हुआ. लेकिन जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग दिन होली मनायी जायेगी. होलिका दहन के दूसरे दिन होली त्योहार मनाने की परंपरा रही है. लेकिन इस बार शास्त्र के अनुसार होलिका दहन के एक दिन बाद यानी शनिवार को मुख्य रूप से होली मनायी जायेगी. जबकि कुछ क्षेत्रों में शुक्रवार को ही लोग होली मनायेंगे.रंग, अबीर, पिचकारी, मुखौटा की हो रही जमकर खरीदारी
होली को लेकर पूरे बाजार गुलजार हो गया है. रंग, अबीर, पिचकारी, मुखौटा की जमकर खरददारी हो हरी है. गोल, चौकोर लंबी टोपियों का बाजार में काफी क्रेज है. रंग-बिरंगी पिचकारी से बाजार सजा हुआ है. बांसुरी, त्रिशूल, एके-47, बुलडोजर की शेप मे प्रेशर पिचकारी जैसी नई आइटम बाजार में खूब बिक रही है. जबकि अन्य तरह की पिचकारी की भी धुम है. 50 रूपये से लेकर 1000 तक का पिचकारी बाजार में उतरा गया है. जिसकी लोग जमकर खरीदारी कर रही है. जबकि मोदी मास्क, ड्रैकुला, टेडी वियर, एलियन, बाघ, शेर, मुर्गा, भूत, राक्षस सहित अन्य प्रकार के मुखौटों की खरीदारी जम कर हो रही है. व्यवसासियों की की माने तो पटना सिटी के अलावे दिल्ली-कोलकाता से होली के सामान मंगाए गए हैं. होली के बाजार में हर्बल रंग एवं गुलाल की डिमांड काफी बढ़ गयी है. हालांकि आम गुलाल एवं रंग की तुलना में हर्बल रंग एवं गुलाल कुछ महंगे हैं. हर्बल गुलाल को आकर्षक पैकिंग में देने वाली कंपनियों ने 500-500 ग्राम के पैकेट तैयार किए हैं. 40 ग्राम के दस पैकेट की कीमत 300 रुपए है. इसके साथ ही हर्बल में लग्जरी गुलाल 200 रुपये से अधिक कीमत पर बिक रहा है.मानें चिकित्सक की राय
मुंगेर. सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ हर्षबर्धन कहते हैं कि होली का त्योहार बिना रंगों के बेमतलब है. लेकिन रसायन वाले रंगों के कारण कई समस्याएं पैदा होती है. यदि रंगों में ऑक्साइड, धातु, शीशे के कण व टेक्सटाइल इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाले डाई बेस जैसे खतरनाक व जहरीले रसायन मिले हुए होंगे तो ये बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं. इसलिए हर्बल रंग व गुलाल का प्रयोग करें. उन्होंने खाद्य पदार्थों को लेकर सतर्क करते हुए कहा कि होली का पर्व नजदीक आते ही मिलावट का कारोबार बढ़ जाता है़ मिठाई, खोआ, घी, दूध में मिलावट होने के साथ ही रंगों में भी मिलावट की जाती है. होली का जश्न यह मिलावटी खाद्य पदार्थ एवं रंग गम में बदल सकते हैं.भोजपुरी पर भारी पड़ रहा पारंपरिक होली गीत
मुंगेर. होली का त्योहार हमें आपसी मेल-जोल के मिठास की सौगात देती है़ यह पूरी तरह से हर्ष व उल्लास का त्योहार है, जिसे बच्चे, बूढ़े तथा महिला व पूरुष पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं. इस त्योहर में गीतों का एक अलग ही मेल है़. गीत के बिना यह त्योहर बिलकुल फीका रह जायेगा़. होली का त्योहार आते ही चारों ओर होली के गीत बजने लगे हैं, जो लोगों के होली के रंगों से सराबोर करने लगी है. होली को लेकर भोजपुरी, मैथिली, अंगिका तथा हिंदी फिल्मी होली के गीत हर तरफ धूम मचाये हुए है़. इस बार भी भोजपुरी गीतों पर हिंदी के होली गीत भारी पड़ रहे हैं. अधिकांश भोजपूरी गीतों में फुहड़ता होने के कारण लोग इसे अपने घरों में बजाने से बचते हैं. वहीं सवारी वाहनों में भी हिंदी के होली गीतों को ही बजाया जा रहा है़ ””””””””””””””””रंग बरसे भींगे चुनर वाली, होली के दिन दिल खिल जाते हैं, जोगी जी धीरे- धीरे”””””””””””””””” सहित अन्य होली के गीत काफी पुराने होने के बावजूद लोगों की पहली पसंद बनी हुई है़.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है