जमुई के रमेश चौधरी हत्याकांड में बारह दिन बाद भी नहीं आ पाया पोस्टमार्टम रिपोर्ट
जमुई के रमेश चौधरी हत्याकांड में बारह दिन बाद भी नहीं आ पाया पोस्टमार्टम रिपोर्ट
जमुई: भारतीय दंड संहिता में हत्या को सबसे जघन्य अपराध माना गया है. लेकिन कानून की किताबों से इतर सिकंदरा पुलिस की नजरों में हत्या जैसे अपराध की भी कोई अहमियत नहीं है. ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि रमेश चौधरी हत्याकांड में पुलिस की कार्यशैली को देख ये बातें हर सिकंदरा वासी के जुबां से सुनी जा रही है. रमेश चौधरी का शव बरामद होने के बाद से ही पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई किए जाने की बात कही जा रही है. लेकिन इस मामले का सबसे आश्चर्यजनक पहलू यह है कि शव बरामदगी के 12 दिन बाद भी पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिलने की बात बताई जा रही है. ऐसे में पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की बात करने वाली पुलिस हाथ पर हाथ धरे तमाशबीन बनी हुई है.
विदित हो कि बीते 20 जुलाई की रात प्रखंड मुख्यालय के शेखपुरा रोड निवासी रमेश चौधरी का बदबूदार शव उसके घर के ही आलमीरा से बरामद किया गया था. रमेश चौधरी की पत्नी व बेटे के द्वारा कुछ अज्ञात लोगों के सहयोग से शव को आधी रात में बोरे में भर कर ठिकाने लगाने का प्रयास किया जा रहा था. इसी दौरान मृतक के भाई की सूचना पर पुलिस द्वारा घर के आलमीरा से शव को बरामद किया गया था. मृतक की पत्नी व बेटे द्वारा शव को ठिकाने लगाने का प्रयास किये जाने और घर के आलमीरा से बदबूदार शव बरामद होने के बावजूद पुलिस द्वारा मामले पर कोई संज्ञान नहीं लिए जाने के बाद से ही पुलिस के रवैये पर सवाल उठना शुरू हो गया था.
वहीं पोस्टमार्टम के बाद शव को हत्यारोपी पत्नी को ही सौंप दिए जाने के बाद तो आमलोगों में पुलिस की कार्यशैली चर्चा का विषय बन गयी थी. लोगों में इस का आश्चर्य है कि घर से शव बरामद होने के बाद भी पुलिस ने मृतक की पत्नी व बेटे से पूछताछ की जरूरत नहीं समझी. जबकि शव बरामदगी के बाद मृतक के पिता भुनेश्वर चौधरी ने अपनी बहू पर हत्या का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर आवेदन भी दिया था. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से मृतक के पिता व भाई द्वारा भी पुलिस पर मामले की लीपापोती करने का आरोप लगाया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि मृतक की पत्नी के शराब के अवैध कारोबार में संलिप्त होने की बात सामने आ रही है. ऐसे में हत्या के मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं होना और 12 दिन बाद भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट का न आना, कुछ न कहते हुए भी बहुत कुछ इशारा कर रहा है.