बिहार: स्कूल ऑफिस को महिला प्रिंसिपल ने बनाया बेड रूम, डीएम ने जांच के बाद दिये कार्रवाई के आदेश
जमुई जिले के माओवाद ग्रस्त खैरा ब्लॉक के बरदौन में स्थित अपग्रेडेड मिडिल स्कूल की महिला प्रिंसिपल शीला हेम्ब्रम ने अपने कार्यालय कक्ष को अपना बेड रूम बना लिया है. इस बात की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी ने स्कूल का जायजा लिया और कई और मामले के खुलासे हुए. डीएम ने प्रिंसिपल पर कार्रवाई के निर्देश देते हुए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को चीजें व्यवस्थित करने को कहा है.
जमुई. डीएम राकेश कुमार ने स्कूल के कार्यालय को बेडरूम बनाने के मामले में जांच के उपरांत स्कूल की प्रधान शिक्षिका पर कार्रवाई के निर्देश दिये हैं. पिछले दिनों यह मामला सामने आया था कि जिले के माओवाद ग्रस्त खैरा ब्लॉक के बरदौन में स्थित अपग्रेडेड मिडिल स्कूल की प्रिंसिपल शीला हेम्ब्रम ने स्कूल के एक कमरे को अपना बेड रूम बना लिया है. उनके बेड रूम की तस्वीरें वायरल होने के बाद जिलाधिकारी राकेश कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी कपिलदेव तिवारी, सिविल सर्जन डॉ कुमार महेंद्र प्रताप सहित अन्य पदाधिकारी बरदौन पहुंचे. गौरतलब है कि इस मामले को लेकर प्रभात खबर ने रविवार को खबर का प्रकाशन किया था, जिसके बाद डीएम राकेश कुमार ने स्कूल का दौरा किया और जांच कर कार्रवाई के आदेश दिये हैं.
उजागर हुई कई अनियमितताएं
जांच दौरान उन्होंने विद्यालय भवन का जायजा लिया और स्कूल का मुआयना किया. डीएम ने इस दौरान विद्यालय प्रधान शीला हेंब्रम को बुला कर विद्यालय के कमरे का व्यक्तिगत इस्तेमाल करने के लिए जमकर फटकार लगायी. डीएम राकेश कुमार ने कहा कि विद्यालय में पहले से ही कमरे कम हैं. और एक कक्षा में तीन वर्ग के बच्चों को पढ़ाया जाता है. ऐसे में विद्यालय प्रधान द्वारा कमरे का गैरवाजिब इस्तेमाल करना सही नहीं है, उन्होंने कहा इस मामले में कार्रवाई की जायेगी. डीएम के आदेश के बाद प्रिंसिपल शीला हेम्ब्रम ने स्थानीय पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मैंने किसी कक्षा पर कब्जा नहीं किया है. बल्कि, मैं स्कूल कार्यालय में ही रह रही हूं. उन्होंने कहा कि वह और उनका परिवार “बेघर हैं”.
वर्षों से एक ही जगह पर जमी हुई है शिक्षिका
जांच के दौरान जिलाधिकारी राकेश कुमार ने मौजूद ग्रामीणों से बातचीत कर वहां की समस्याओं के बारे में जानकारी ली. ग्रामीणों ने बताया कि उक्त शिक्षिका का घर बरदौन गांव में ही है. उसकी पोस्टिंग उसके घर में ही कर दी गयी है. इतना ही नहीं वह पिछले कई वर्षों से उसी स्कूल में पदस्थापित हैं. डीएम ने इस मामले में भी जिला शिक्षा पदाधिकारी को जांच कर कार्रवाई के आदेश दिये हैं. उन्होंने कहा कि विद्यालय में काफी अनियमितताएं मिली हैं, स्कूल के बिल्डिंग पर स्कूल का नाम तक दर्ज नहीं है. इतना ही नहीं कार्यालय की स्थिति भी काफी खराब है. डीएम ने कहा कि मामले में कार्रवाई की जायेगी.
क्या है मामला
जानकारी के अनुसार जमुई जिले के माओवाद ग्रस्त खैरा ब्लॉक के बरदौन में स्थित अपग्रेडेड मिडिल स्कूल की प्रिंसिपल शीला हेम्ब्रम ने स्कूल के एक कमरे को “बेडरूम-सह-रसोईघर” में बदल दिया है. जिस कक्षा में कल तक चॉक, किताब और ब्लैकबोर्ड थे वहां आज बिस्तर, कंबल, तकिए, अलमारी, स्टोव, फ्रिज और टीवी है. इससे स्कूल का काम-काज न केवल बढ़ गया है, बल्कि पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. मामला उजागर होने के बाद जहां प्रिंसिपल ने अपना पक्ष रखा है, वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारी ने भी पूरे मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की बात कही है. जिला शिक्षा अधिकारी कपिल देव तिवारी ने स्थानीय पत्रकारों से कहा कि उन्हें मामले की जानकारी मिली है और उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं. तिवारी ने आगे कहा कि अगर यह सच पाया गया तो हम प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई शुरू करेंगे.
Also Read: मुजफ्फरपुर का खादी मॉल होगा पटना से खास, एक हजार बुनकरों को मिलेगा रोजगार
एक कमरे में चल रही दो-दो कक्षाएं
बताया जाता है कि स्कूल में कक्षा I से VIII तक 150 छात्र हैं. ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल में वैसे ही जगह का अभाव है. एक कमरे में प्रिंसिपल का बेड रूम होने के कारण अब कक्षाएं केवल तीन कमरों में आयोजित की जा रही हैं. एक कमरे में I-III, दूसरे में IV-V और तीसरे में VI-VIII कक्षाएँ लगती हैं. कार्यालय कक्ष में कक्षाएं लग सकती थी, लेकिन पिछले चार महीनों से वो “बेघर” प्रिंसिपल और उसके परिवार के लिए पनाहगार बना हुआ है. मामला कार्यालय कक्ष तक ही सीमित नहीं है. प्रिंसिपल कक्षाओं का उपयोग निर्माण सामग्री के भंडारण के लिए भी कर रहे हैं और इस कार्य में स्कूली बच्चों की मदद भी ले रहे हैं.