रैली निकाल सखीकुरा स्कूल के बच्चों ने की बरनार जलाशय निर्माण की मांग
पर्यावरण संरक्षण को लेकर शनिवार को जिले के खैरा प्रखंड क्षेत्र के सखीकुरा गांव स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय परिसर से स्थानीय ग्रामीणों व स्कूली बच्चों द्वारा जागरूकता रैली निकाली गयी.
प्रतिनिधि, जमुई. पर्यावरण संरक्षण को लेकर शनिवार को जिले के खैरा प्रखंड क्षेत्र के सखीकुरा गांव स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय परिसर से स्थानीय ग्रामीणों व स्कूली बच्चों द्वारा जागरूकता रैली निकाली गयी. रैली विद्यालय परिसर से निकालकर पूरे गांव का भ्रमण करते हुए लोगों को पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूक किया. रैली के दौरान पर्यावरण संरक्षण को लेकर सांसें हो रही कम, आओ पेड़ लगायें हम, ””आओ जीवन बचायें, मिलकर पेड़ लगायें, ””हमसब की है एक आवाज नदी जंगल संग हो विकास, जंगल बचे तो नदी बचेगी धरती हरी-भरी रहेगी”” नारों से लोगों को जागरूक किया गया. साथ ही दो हजार से अधिक छायादार एवं फलदार पेड़ों का बीज जमा किया गया. उन बीजों को धूप में सुखाकर उनके दो हजार से अधिक बीज बॉल बनाये गये. सखीकुरा स्कूल के छात्रों और शिक्षकों ने बताया कि आज की रैली सह बीजदान यात्रा बरनार जलाशय का निर्माण कराने और उसके दोनों ओर की परती भूमि पर जंगल बनाने के व्यापक अभियान की शुरुआती कड़ी है. उन्होंने बताया कि जो बीज बॉल तैयार किये गये हैं उन्हें आनेवाले दिनों में नदी के दोनों ओर सड़कों के दोनों ओर फेंका जायेगा जिससे वहां पेड़ों की संख्या में इजाफा होगा. कक्षा आठ के छात्र नितेश कुमार ने बताया कि ””पेड़ों के बिना जीवन असंभव है. पेड़ों और जंगलों की कटाई के कारण न केवल वायु प्रदूषण बढ़ रहा है बल्कि नदियां सूख रही हैं, पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है और खेती किसानी पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. शिक्षिका नीतू सिंन्हा ने बताया कि हमारा यह अभियान जंगल और नदी को पुनः ज़िंदा करके पृथ्वी को एक बार फिर से मनुष्य सहित सभी जीव जंतुओं के रहने योग्य बनाने की दिशा में एक छोटा पर मज़बुत क़दम है. यह अभियान बच्चों और उनके अभिभावकों समेत सभी ग्रामवासियों में पेड़ों, नदियों और जंगलों के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करेगा. विद्यालय के प्रधानाध्यापक शिव कुमार चौधरी ने इस अभियान की शुरुआत करते हुए बताया कि सैकड़ों बच्चों व शिक्षकों ने यह प्रण किया है कि आने वाले महीनों और वर्षों में बरनार नदी को जिलायेंगे और उसके इर्द-गिर्द जंगल जगायेंगें. जलवायु संकट से मानव समाज को बचाने के लिए यह हमारा योगदान होगा. बच्चों ने यह भी उम्मीद जताया कि उनकी इस पहल से अन्य स्कूलों में भी पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन को रोकने की प्रेरणा बढ़ेगी और आनेवाले दिनों में हमारा जमुई जिला और बिहार राज्य जलवायु आंदोलन की आवाज को दुनियाभर में बुलंद कर सकेगा. मौके पर रीजेंटिव बिहार के संतोष कुमार सुमन, विद्यालय की शिक्षक रंजीत कुमार, मनोज कुमार, राजेंद्र कुमार शाह, शिक्षिका नेहा कुमारी सिंह, विजयलक्ष्मी, रविंद्र कुमार, वास्ता तबसुम, सीमा कुमारी, सावित्री कुमारी सहित स्थानीय ग्रामीण मौजूद थे.
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