धोखाधड़ी कर बिचौलियों ने ग्रामीणों के खाते से निकाले 15 लाख रुपये
फाइनेंस बैंक से ग्रामीणों ने लिया था ऋण, बिचौलियों ने उड़ाया
प्रतिनिधि, चंद्रमंडीह (जमुई). थाना क्षेत्र अंतर्गत पिपरापघार गांव के लगभग चार दर्जन लोगों से एक फाइनेंस बैंक लिमिटेड द्वारा दिये गये ऋण को बिचौलियों द्वारा हड़प लेने का मामला प्रकाश में आया है. वहीं जब ग्रामीणों को इसकी भनक लगी तो उनलोगों ने एक बिचौलिया राजा अंसारी को कब्जे में लेकर मामले की सूचना स्थानीय मुखिया सहित चंद्रमंडीह थाने को दी. इसके बाद चंद्रमंडीह पुलिस मौके पर पहुंची व बिचौलिए को अपने साथ थाने ले आयी.
आवेदन में ग्रामीण अयूब अंसारी पिता जालिम मियां सहित 40 अन्य लोगों ने कहा है कि उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड द्वारा हम लोगों के खाते पर ऋण लेकर बिचौलिए द्वारा उसका उठाव कर लिया गया है. इसमें चंद्रमंडीह थाना क्षेत्र के बंधा गांव निवासी राजा अंसारी पिता अब्दुल जलील, पूर्णिया जिला निवासी मो सम्स तबरेज, गोड्डा निवासी अमित कुमार दास, माधोपुर निवासी सुपूल कुमार शामिल हैं. मो सम्स तबरेज प्राथमिक विद्यालय बुधुवाडीह में शिक्षक के पद पर कार्यरत है. ग्रामीणों को झांसे में लेकर उक्त लोगों द्वारा बताया गया कि प्रधानमंत्री द्वारा मुस्लिम बिरादरी के लोगों के लिए एक विशेष योजना चलायी गयी है. जिसमें पहले ग्रामीणों को एक फ्रिज गिफ्ट दिया जाता है. उसके बाद प्रत्येक महीना 10 हजार रुपये खाते में आता रहेगा. जिसके झांसे में ग्रामीण आ गये. इस बीच उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड द्वारा 40 से अधिक लोगों के खाते में 35 से 40 हजार रुपये तक ऋण की राशि भेज दी गयी. लेकिन ऋण प्राप्त करने वाले लोगों को इसकी जानकारी नहीं लग पायी. इस बीच खाते पर भेजे गए ऋण की राशि का उठाव बिचौलिए द्वारा कर लिया गया. कुल मिलाकर ये रकम 15 लाख से भी अधिक है. इधर जब ग्रामीणों को कुछ शंका हुई तो उन्होंने खोजबीन की. पता चला कि उन लोगों को एक फाइनेंस कंपनी द्वारा ऋण उपलब्ध कराया गया है जिसका उठाव बिचौलिये द्वारा कर लिया गया है. इसके बाद ग्रामीण क्रोधित हो गये तथा रविवार को राजा अंसारी को कब्जे में लेकर मामले की सूचना पुलिस को दी. इधर सूचना मिलने के बाद स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि चंद्रमौलेश्वर राय भी पिपरापघार गांव पहुंचे तथा बिचौलियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग पुलिस से की. इधर दर्जनों की संख्या में पीड़ित मुखिया प्रतिनिधि के नेतृत्व में घंटों थाना परिसर में सभी आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर डटे रहे. ग्रामीण आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे. जबकि पुलिस बार -बार मामले को साइबर थाने दर्ज कराने की सलाह दे रहे थी.