जमुई. पुलिस ने जमुई जिले के लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र में 19 मार्च को हुए पबिया देवी हत्याकांड का खुलासा करते हुए इसमें उसके पति संजय यादव को गिरफ्तार कर लिया है. गौरतलब है कि 19 मार्च को मगही गांव निवासी संजय यादव ने अपनी पत्नी की हत्या की प्राथमिकी दर्ज करायी थी. उसने पुलिस को बताया था कि वह बाइक पर अपनी पत्नी को बिठाकर घर लेकर आ रहा था. इसी दौरान रास्ते में 10 की संख्या में अपराधियों ने उन पर हमला कर दिया था. इस हमले में गोली लगने से संजय यादव की पत्नी पबिया देवी की मौत हो गयी थी. घटना के बाद 10 नामजदों के विरुद्ध संजय यादव ने हत्या की प्राथमिकी दर्ज करवायी थी, लेकिन इस मामले में पुलिस ने जांच कर चौंकाने वाले खुलासे किये हैं. अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सतीश सुमन ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में संजय यादव को गिरफ्तार किया है. उन्होंने कहा कि शुरुआत से ही इस घटना में संजय यादव की भूमिका संदिग्ध दिख रही थी.
पुलिस को बरगलाने की कर रहा था कोशिश :
एसडीपीओ सतीश सुमन ने बताया कि घटना के बाद जब इस मामले में संजय यादव ने एफआइआर दर्ज करायी थी, तब उसने पुलिस को बताया था कि उसने सभी हमलावरों को देखा है और उसने हमलावरों की पहचान की थी. बाद में वह अपने बयान से मुकर गया. इस दौरान वह पुलिस के समक्ष अलग-अलग कई तरह के बयान देता रहा, जिससे उस पर पुलिस का शक और गहरा हो गया. जिन लोगों के खिलाफ संजय यादव ने प्राथमिक की दर्ज करायी थी, तकनीकी अनुसंधान के बाद उन लोगों की मौजूदगी घटनास्थल के आसपास नहीं दिखी. इसी आधार पर संजय यादव को गिरफ्तार किया गया है. गौरतलब है कि संजय यादव पर पूर्व में भी कई मामले दर्ज हैं तथा वह इससे पहले कई बार जेल भी जा चुका है. इस कारण पुलिस इस मामले में अलग-अलग कई एंगल से छानबीन कर रही थी. आखिरकार पुलिस को सफलता मिली तथा मामले में संजय यादव की संलिप्तता सामने आयी और उसे गिरफ्तार कर लिया गया.दो कारणों से पबिया देवी की हत्या को दिया गया अंजाम:
अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि हत्या के पीछे दो बड़ी वजह सामने आयी है. उन्होंने कहा कि संजय यादव की पत्नी देवी के नाम 150 डिसमिल से अधिक जमीन थी. उसके नाम पर एक स्कॉर्पियो और पटना में डेढ़ कट्ठे में बना एक मकान था. इसके साथ ही कई और बेनामी संपत्ति भी पबिया देवी के नाम थी. संजय यादव, उसका भाई प्रमोद यादव पबिया देवी से वह सभी संपत्ति अपने नाम लिखने का दबाव बनाते रहते थे. लगातार उसके साथ मारपीट भी की जाती थी तथा इसे लेकर फरवरी माह में उसने लक्ष्मीपुर थाने में एक सनहा भी दर्ज कराया था. इसमें उसने अपनी जान का खतरा बताया था. इसकी जानकारी अपने मायके में भी दी थी. इसी को लेकर संजय यादव ने अपने भाई प्रमोद यादव तथा एक अन्य सहयोगी सकेंद्र यादव उर्फ गुड्डू यादव के साथ मिलकर अपनी पत्नी पबिया देवी की हत्या कर दी तथा पुलिस को गुमराह करने लगा.दूसरी पत्नी के साथ रहने के लिए पहली को रास्ते से हटाने का बनाया प्लान:
अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि संजय यादव ने अपनी पत्नी के रहते गैर कानूनी तरीके से दूसरी शादी भी कर ली थी. उसकी दूसरी पत्नी उसके साथ नहीं रहती थी इसलिए संजय ने योजना बनायी कि वह अपनी पत्नी की हत्या कर उसकी सारी संपत्ति हड़प लेगा तथा दूसरी पत्नी को अपने गांव ले आयेगा. इसी योजना के तहत उसने अपनी पत्नी को मौत के घाट उतार दिया. पुलिस ने इस मामले का उद्भेदन कर मास्टरमाइंड संजय यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. गौरतलब है कि के संजय यादव पर पूर्व के भी कई मामले दर्ज है तथा वह हिस्ट्री सीटर रह चुका है. फिलहाल उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. छापेमारी दल में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सतीश सुमन के अलावा लक्ष्मीपुर थानाध्यक्ष आलोक कुमार सहित सशस्त्र बल एवं डीआइयू के जवान शामिल थे.सकेंद्र यादव को भी कर लिया गया है गिरफ्तार:
अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में दूसरे आरोपित सकेंद्र यादव उर्फ गुड्डू यादव को भी गिरफ्तार कर लिया है. एसडीपीओ ने बताया कि संजय यादव का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है. उस पर पूर्व में हत्या के 04, लूट के 02, डकैती के 01, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के 01 और आर्म्स एक्ट के 02 मामले दर्ज हैं. उन्होंने यह भी बताया कि अनुसंधान के क्रम में एक चश्मदीद गवाह द्वारा पुलिस के समक्ष धारा 161 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत अपना बयान दिया गया है. इसके आधार पर इस पूरे मामले का उद्भेदन किया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है