खैरा. थाना क्षेत्र के सगदाहा गांव में प्रतिमा विसर्जन के दौरान हर्ष फायरिंग में किशोर की मौत होने के बाद पूरे गांव में मातम पसर गया है. जानकारी के अनुसार, उक्त गांव में शुक्रवार देर शाम सरस्वती प्रतिमा के विसर्जन के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने फायरिंग की थी. गोली सत्यम के सिर में लगी. इलाज के लिए अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में ही उसकी मौत हो ग्यी. शनिवार दोपहर बाद सत्यम का अंतिम संस्कार करवाया गया. जानकारी के अनुसार, हादसा उस वक्त हुआ जब माता सरस्वती की प्रतिमा को ट्रैक्टर के ऊपर रखकर विसर्जन के लिए ले जाया जा रहा था. इसी ट्रैक्टर पर गांव निवासी परमानंद सिंह का पुत्र सत्यम कुमार उर्फ छोटू सिंह लोगों के ऊपर गुलाल उड़ा रहा था. तभी जुलूस में डीजे पर नाच रहे युवकों ने उसे गोली मार दी थी. जब तक स्थानीय ग्रामीण उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल ले जाते, तब तक उसकी मौत हो गई थी. सत्यम तीन भाइयों में सबसे छोटा था. घटना के बाद पूरे गांव में मातम पसर गया है. सत्यम के माता-पिता एवं परिजनों के करुण विलाप से माहौल गमगीन हो गया. शनिवार सुबह ग्रामीणों की भीड़ मृतक सत्यम के घर पर इकट्ठा हो गई.
हत्या की भी जताई जा रही है आशंका
सरस्वती पूजा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हर्ष फायरिंग में सत्यम की मौत के पीछे हत्या की आशंका भी जताई जा रही है. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि गांव निवासी राजन कुमार उर्फ बब्बू का परमानंद सिंह से कुछ विवाद चल रहा था. बालू घाट सहित कई अन्य बात को लेकर राजन परमानंद सिंह को अपना दुश्मन समझता था और लंबे समय से दोनों के बीच तनाव चल रहा था. ग्रामीणों ने बताया कि इसी को लेकर अपनी दुश्मनी साधने के लिए बब्बू ने परमानंद सिंह की जगह उसके पुत्र सत्यम को निशाना बनाया और उसको गोली मार दी. गोली सत्यम के सिर में जाकर लगी, जिस से मौके पर ही उसकी मौत हो गयी थी.
बीते गुरुवार को भी चलाई थी गोलियां
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में कई अलग-अलग जगह पर मां सरस्वती की प्रतिमा बिठाकर उनकी पूजा अर्चना की जा रही थी. बीते गुरुवार देर शाम भी कुछ युवकों के द्वारा प्रतिमा विसर्जन का जुलूस निकाला गया था. जिसमें राजन सहित अन्य युवक पहुंचे थे और उन्होंने गोलियां चलाई थी. ग्रामीणों ने बताया कि इस दौरान करीब 10 राउंड से भी अधिक फायरिंग की गई थी. जिसके दूसरे दिन हर्ष फायरिंग में सत्यम की जान चली गयी. घटना के बाद पुलिस इस पूरे मामले छानबीन कर रही है. शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के द्वारा सत्यम के शव का अंतिम संस्कार किया गया है.
पढ़ने लिखने में काफी अच्छा था सत्यम
बताते चलें कि परमानंद सिंह के तीन पुत्रों में सत्यम कुमार छोटू सबसे छोटा था. परमानंद सिंह का बड़ा पुत्र दिलखुश कुमार रेलवे में नौकरी करता है. जबकि दूसरा पुत्र शिवम कुमार बच्चों को कोचिंग पढ़ाता है. सत्यम मैट्रिक का छात्र था और इसी साल 17 फरवरी से वह मैट्रिक की परीक्षा देने वाला था. घटना के बाद परमानंद सिंह उनकी पत्नी गोदावरी देवी, बेटी चिंकी कुमारी, सोनम कुमारी सहित परिवार के अन्य लोगों के करुण विलाप से पूरा माहौल गमगीन हो गया. माता-पिता सहित अन्य परिजन पछाड़ खाकर गिर जा रहे थे. परिजनों ने इस मामले में दोषियों पर उचित कार्रवाई की मांग की है.
रतनपुर से पकड़ा गया घटना का मुख्य आरोपित
इधर इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस ने घटना के मुख्य आरोपित राजन उर्फ बब्बू को गिद्धौर थाना क्षेत्र के रतनपुर से गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि गिरफ्तारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. परंतु पुलिस सूत्रों की माने तो पुलिस को यह सूचना मिली थी कि वह घटना को अंजाम देने के बाद गिद्धौर थाना क्षेत्र के रतनपुर स्थित अपने किसी संबंधी के घर जाकर छिप गया है. इस दौरान पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया तथा उसके पास से घटना में प्रयुक्त हथियार को भी बरामद कर लिया गया है. बताया जाता है कि पुलिस ने अन्य तीन युवकों को भी हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है. घटना के बाद पूरे सगदाहा गांव में तनाव पसर गया है.
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