जमुई.
जिले में आगामी 19 सितंबर से कुष्ठ रोगियों की खोज शुरू की जायेगी. इसे लेकर 1744 सर्च टीम बनायी गयी है. यह पूरी टीम 19 सितंबर से लेकर 2 अक्टूबर तक घर-घर कुष्ठ रोगी खोज कार्यक्रम में पूरे जिले भर में घूमेगी तथा घर-घर जाकर कुष्ठ रोगियों की खोज करेंगे. सिविल सर्जन डॉ कुमार महेंद्र प्रताप ने इसे लेकर यक्ष्मा विभाग के कर्मियों के साथ बैठक की तथा कई तरह के दिशा-निर्देश दिये. 14 दिन के इस कार्यक्रम में जिले के सभी नागरिकों की जांच करायी जायेगी, जिसमें 2 वर्ष से ऊपर के सभी व्यक्ति शामिल होंगे. जिले में सर्च टीम बनायी गयी है. हर टीम में दो लोग शामिल होंगे, जिसमें एक महिला स्वास्थ्य कर्मी तथा एक पुरुष कर्मी शामिल होगा. गौरतलब है कि इसे लेकर राज्य कुष्ठ निवारण कार्यालय द्वारा बीते 27 अगस्त को सभी जिलों को पत्र भेजा गया था. कुष्ठ रोगी खोजो अभियान चलाने का निर्देश दिया गया था. इसके आलोक में सिविल सर्जन ने बैठक बुलाकर जमुई जिले के लिए 1744 टीमों का गठन किया है.त्वचा पर धब्बे हो सकते हैं कुष्ठ के लक्षण
सिविल सर्जन डॉ कुमार महेंद्र प्रताप ने बताया कि कुष्ठ रोगी खोजो अभियान का प्रमुख उद्देश्य कुष्ठ रोगियों की पहचान कर स्वास्थ्य केंद्र पर उपचार प्रदान किया जाना है. ताकि समाज को कुष्ठ के प्रसार एवं कुष्ठ से होने वाली विकृति से बचाया जा सके. उन्होंने बताया कि हर टीम में एक आशा और एक पुरुष कार्यकर्ता शामिल होंगे, जो हर घर जाकर दो वर्ष से छोटे बच्चों को छोड़कर सभी पुरुष, महिला एवं बच्चों की जांच करेंगे. उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग जीवाणु से होने वाला एक रोग है. अगर समय पर इसका इलाज नहीं किया जाये तो यह एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है, जिससे विकलांगता भी हो सकती है. सही समय पर रोग की पहचान एवं उपचार प्रदान कर रोग को पूर्ण रूप से समाप्त कर दिया जा सकता है. सिविल सर्जन ने बताया कि कुष्ठ रोग किसी भी उम्र में हो सकता है. परंतु अधिकांशत: 20 से 30 वर्ष की उम्र में पुरुषों में इसकी अधिक संभावना होती है. रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर कुष्ठ रोग के होने की संभावना अधिक रहती है. इस रोग में चेहरे, कान के आखिरी भाग तथा पैर पर दर्द रहित सूजन या गांठ पैदा हो जाती है. तलवा में दर्द रहित घाव होता है, नसें मोटी हो जाती हैं. उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग का उपचार समस्त सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर नि:शुल्क उपलब्ध है.
घर-घर जाकर करेंगे जांच, होगी घरों की मार्किंग
सिविल सर्जन ने इस दौरान यक्ष्मा विभाग के कर्मियों को निर्देश दिया कि कुष्ठ रोगी खोजो अभियान के दौरान प्रत्येक घर में समस्त लोगों का परीक्षण किया जाना है. यदि भ्रमण के दौरान किसी घर में कोई व्यक्ति मौजूद नहीं हो, तब उसके आने की स्थिति में टीम दोबारा उसे घर पर जायेगी और जांच करेगी. उन्होंने बताया कि अगर किसी घर के लोग जांच करने में अपनी असहमति जताते हैं, तब ऐसी स्थिति में सुपरवाइजर या प्रभावशाली लोगों के साथ टीम उनके घर पर जायेगी और किसी भी हाल में लोगों की जांच की जायेगी. अभियान के दौरान प्रत्येक घर का चिह्नांकण किया जायेगा. जिस घर के सभी लोगों की जांच कर ली जायेगी, उस घर की मार्किंग भी करायी जायेगी.
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