झाझा.
प्रखंड मुख्यालय स्थित श्रीकृष्ण गोशाला जीर्णोद्धार की बाट जोह रहा है. श्रीकृष्ण गोशाला झाझा की वर्तमान हालत है कि मवेशियों को रहना मुश्किल हो रहा है. जानकारी के अनुसार, वर्तमान में इस गोशाला में सात दर्जन से अधिक मवेशी हैं. पर्याप्त शेड के अभाव में अधिकतर मवेशी वर्षा-पानी व धूप में भी खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो रहे हैं. यहां रह रहे मवेशियों को भर पेट चारा भी नहीं मिल पा रहा है. गोशाला के चारों तरफ की बाहरी दीवार भी क्षतिग्रस्त हो गयी है. और जो भी शेड व दीवार है, वह जर्जर हालत में ही है. इससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. श्रीकृष्ण गोशाला के जीर्णोद्धार को लेकर कई बार प्रबुद्ध जनों की बैठक की गयी. बैठक में गोशाला के जीर्णोद्धार व संचालन को लेकर नियम-कानून भी बनाया गया. लेकिन इस पर अमल नहीं हो सका. अर्थात बैठक की कार्रवाई अबतक ठंडे बस्ते में ही रह गयी. गोशाला में रह रहे मवेशी बदहाली में ही बसर करने को मजबूर हो रहे हैं. जानकारों की मानें तो खाना-पानी व संसाधन के अभाव में कई पशुओं ने बीमार हो कर दम तोड़ दिया है जबकि कई पशु अब भी मरणासन्न अवस्था में हैं. लेकिन इसके बाद भी श्रीकृष्ण गोशाला को लेकर ठोस प्रयास नहीं किया जा रहा है. अगर यही हाल रहा तो एक-एक कर सभी मवेशी दम तोड़ देंगे और गोशाला सिर्फ नाम के लिए कागज पर ही रह जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है