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मानसिक स्वास्थ्य में ध्यान का खास महत्व : निदेशक

विश्व ध्यान दिवस पर ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल परिसर में हुआ आयोजन

जमुई. मुख्यालय स्थित ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल परिसर में शनिवार को विश्व ध्यान दिवस का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए स्कूल के निदेशक डॉ मनोज कुमार सिन्हा ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य में ध्यान का खास महत्व है. 20 दिसंबर 2024 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दुनिया भर में ध्यान या चिंतन के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस घोषित किया और वर्ष 2024 में शनिवार को पहली बार यह दिवस मनाया जा रहा है. विश्व ध्यान दिवस मनाने का उद्देश्य सभी को उच्च स्तर के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से लाभान्वित करना है. इससे प्राचीन पद्धति में निहित लाभ और दैनिक जीवन में उसके अन्तर्निहित मूल्यों को बढ़ावा मिलेगा. स्कूल की सचिव कुसुम सिन्हा ने कहा कि जब हम ध्यान लगाते हैं तब हम अपने मस्तिष्क को शांत और विचारों को केंद्रित करते हैं, करुणा और सम्मान को जगाते हैं. निजी तौर पर इस रूपांतरकारी बदलाव का असर दूर तक नजर आता है. इससे हमारे परिवार और समुदाय में समरसता की भावना जागृत होती है. परिणामस्वरूप हम मानसिक रूप से ज्यादा स्वस्थ और एकाग्र बन पाते हैं. ध्यान से हमारे भीतर और हमारे इर्द-गिर्द शांति की बुनियाद तैयार होती है. उन्होंने हर इंसान को प्रतिदिन ध्यान करने की सलाह दी.

अच्छा मानसिक स्वास्थ्य एक बुनियादी मानवाधिकार

ऑक्सफोर्ड जूनियर इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल की प्राचार्या शिवांगी शरण ने कहा कि स्वास्थ्य और बेहतर रहन-सहन के पूरक तरीकों के रूप में योग और ध्यान का अहम स्थान है. उन्होंने दोनों क्रिया को आत्मसात करने की अपील की. प्राचार्य ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि अच्छा स्वास्थ्य, बेहतर रहन-सहन, मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और इसे कायम रखने में ध्यान और मनन के बढ़ते योगदान को व्यापक रूप में पहचाना जा रहा है. अच्छा मानसिक स्वास्थ्य एक बुनियादी मानवाधिकार है और यह टिकाऊ विकास के लक्ष्यों से भी मेल खाता है. मानसिक स्वास्थ्य, सार्वभौमिक स्वास्थ्य, सहनशीलता, सक्षमता और समावेशी समाजों का निर्माण इसका लक्ष्य है. ध्यान स्वास्थ्य विषमताओं को दूर करने की महत्ता को भी रेखांकित करता है. शिक्षिका जूही राज, सिमांतानी जाना हाजरा, प्रेमलता सहित अन्य शिक्षकों ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया. विश्व ध्यान दिवस के दूसरे सत्र में विद्यालय की बेटियों को मेडिटेशन कराया गया. गुरु रविशंकर जी के शिष्य निलेश लैड और रविकांत जी ने किताबी ढंग से बेटियों को ध्यान कराया और मानसिक स्वास्थ्य एवं एकाग्रता के लिए जागरूक किया. पाठशाला पुत्रियों ने उत्साह और उमंग के साथ ध्यान किया और इसे दिनचर्या में शामिल किए जाने का संकल्प लिया.

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