खैरा. प्रखंड क्षेत्र के रायपुरा गांव में चल रहे जगतजननी जगदंबा की प्राण-प्रतिष्ठा सह शतचंडी महायज्ञ का समापन किया गया. बीते सोमवार देर शाम वृंदावन से आए प्रख्यात कथावाचक रितु साक्षी द्विवेदी ने भागवत कथा का विश्राम किया. इस दौरान कथावाचक रितु साक्षी द्विवेदी ने कहा कि अगर आप सच्चे मन से भगवान से मिलने की इच्छा रखते हैं तो खुद भगवान आपकी मदद करने के लिए आते हैं. उन्होंने कहा कि श्रद्धा भाव से किया गया भक्ति कभी भी निष्फल नहीं जाता है. इस दौरान उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण और उनके परम मित्र सुदामा की कथा का वर्णन किया. रितु साक्षी महाराज ने कहा कि सुदामा धर्म परायण व्यक्ति थे. वह गरीबी में रहे लेकिन कभी भी धर्म का मार्ग नहीं छोड़ा. उनकी पत्नी सुशीला और उनके बच्चे भी कभी भी सुदामा पर कोई दबाव नहीं बनाते थे, ताकि उन्हें अपने धर्म का मार्ग छोड़ना ना पड़ जाए. उन्होंने कहा कि जब सुदामा अपनी पत्नी के कहने पर अपने मित्र श्रीकृष्ण से मिलने की सोची तब उसकी पत्नी चार घरों से चावल मांग कर लाई. जिसे लेकर सुदामा चल निकले थे. रास्ते में नदी पार करने के लिए सुदामा सभी केवट के पास गए. सुदामा को तैरना नहीं आता था और वह बिना नाव के नदी पार नहीं कर सकते थे. पर बिना पैसे के किसी ने भी सुदामा को नदी पार करने से मना कर दिया. जिसके बाद हार कर बैठकर सुदामा रोने लगे. तभी प्रभु श्रीकृष्ण केवट का रूप धरकर वहां आए और उन्होंने बिना पैसों के सुदामा को नदी पार कराया था. उन्होंने कहा कि आप भगवान से मिलने की इच्छा रखते हैं तो खुद भगवान आपकी मदद करने चले आते हैं. बशर्ते आपका मन और भगवान के प्रति आपकी निष्ठा सही होनी चाहिए. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि ब्राह्मण का आचरण धर्म करना और धर्म की स्थापना करने में सहयोग करना है. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि हमें यह चाहिए कि हम धर्म के मार्ग पर चलते रहें. अधिक की आकांक्षा में कोई भी ऐसा काम ना करें जो जिसकी इजाजत धर्म नहीं देता हो. मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे.
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