मां की शरण में आये भक्तों की कामनाएं होती हैं पूरी

मुख्यालय के गांधी पुस्तकालय के समीप स्थित सार्वजनिक छोटी दुर्गा मंदिर की अपनी अलग ही महता है. इस मंदिर में आये श्रद्धालुओं की मां सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | September 26, 2024 9:21 PM

अर्जुन अरनव

जमुई. मुख्यालय के गांधी पुस्तकालय के समीप स्थित सार्वजनिक छोटी दुर्गा मंदिर की अपनी अलग ही महता है. इस मंदिर में आये श्रद्धालुओं की मां सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं. बताया जाता है कि मंदिर के संस्थापक लाल बाबा तांत्रिक ने आजादी के पूर्व से ही मां की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना शुरू की थी, तब से आज तक मां की पूजा होती चली आ रही है. उनके पुत्र और पौत्र द्वारा इस मंदिर की देख-रेख की जा रही है. जानकारी देते हुए श्रीश्री 108 सार्वजनिक छोटी दुर्गा पूजा समिति के सदस्य सह लाल बाबा तांत्रिक के पुत्र मदन पांडेय तथा पौत्र गोपाल पांडेय ने बताया कि आजादी के पूर्व से ही इस जगह पर लाल बाबा तांत्रिक की देख-रेख में मां दुर्गा की प्रतिमा का स्थापना कर विधि- विधान से पूजा-अर्चना की जा रही है. उन्होंने बताया कि मां के सच्चे मन से दर्शन मात्र से ही श्रद्धालुओं की सभी मुरादें पूरी हो जाती है.

82 वर्षों से यहां हो रही मां की पूजा

गांधी पुस्तकालय के समीप स्थित सार्वजनिक छोटी दुर्गा मंदिर में वर्ष 1942 से लगातार पूजा की जा रही है. शुरू में स्थानीय निवासियों ने मिलकर पूजा की शुरुआत की थी जो आज तक जारी है. इस वर्ष आकर्षक सजावट के कारण श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटने की उम्मीद है.

दस फुट ऊंची प्रतिमा का हो रहा निर्माण

पूजा समिति के सदस्य द्वारा बताया गया कि इस बार यहां दस फुट ऊंची प्रतिमा का निर्माण कराया जा रहा है. इसके साथ ही अन्य देवी-देवताओं की भी प्रतिमा का निर्माण करवाया जा रहा है. सदस्यों द्वारा बताया गया कि लगभग बीस वर्षों से मुंगेर जिले के बरियारपुर निवासी लक्ष्मी पंडित द्वारा प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है.

भारी संख्या में श्रद्धालु दशहरे में यहां आते हैं

वैसे तो जिले की दुर्गा पूजा का कोई जवाब नहीं है. यहां हर वर्ष एक से बढ़कर एक मां दुर्गा की प्रतिमाएं तथा पूजा पंडालों का निर्माण कराया जाता रहा है. विशेष रूप से शहर के विभिन्न स्थानों पर स्थापित प्रतिमाओं को देखने के लिए जिले के साथ-साथ आस-पड़ोस के जिले के भी भारी संख्या में श्रद्धालु दशहरे में यहां आते हैं. इससे जिले की पूजा समितियों का उत्साह और बढ़ जाता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version