जमुई. अखिल भारतीय ग्रामीण खेत मजदूर सभा के नेतृत्व में सैकड़ों के संख्या महिला पुरुष मजदूर सरकार की नीतियों के खिलाफ शुक्रवार को अंचल कार्यालय बरहट के समक्ष प्रदर्शन किया. भाकपा माले नेता बाबू साहब सिंह खेत मजदूर नेता बासुदेव रॉय, विद्यालय रसोईया संघ के जिला सचिव मो हैदर ने प्रदर्शन का नेतृत्व किया. प्रदर्शन कर रहे लोग के वास-आवास के लिए गरीबों, भूमिहीनों के लिए जमीन का पर्चा की मांग कर रहे थे. साथ ही गरीबों को वार्षिक आमदनी 70,000 रुपये से कम का आय प्रमाणपत्र देने, सभी गरीब परिवारों को दो लाख रुपये सरकारी अनुदान देने, सभी भूमिहीन परिवारों को 5-5 डिसमिल वास भूमि और पक्का मकान देने, स्मार्ट मीटर बंद करने तथा गरीब परिवारों को 200 यूनिट प्रति माह बिजली फ्री देने की मांग की. मौके पर माले नेता बाबू साहब सिंह कहा की बिहार में हुए जाति आधारित गणना ने बिहार में गरीबी की भयावह तस्वीर पेश की है. करीब साढ़े 94 लाख अतिनिर्धन परिवारों की मासिक आय महज 6 हजार रुपये से कम है. मुख्यमंत्री ने विगत जनवरी माह में इनको गरीबी से बाहर निकालने के लिए 2 लाख रुपये का अनुदान देने की घोषणा की थी. लघु उद्यमी योजना के तहत व्यवसाय शुरू करने के लिए सरकार 3 किश्तों में यह राशि देगी. घोषणा के आठ महीने बीत गए, लेकिन इस मामले में कोई ठोस प्रगति नहीं दिखती. जमीन के अभाव में वे गृहविहीन हैं. ये लोग नहर के किनारे, सड़क के किनारे रेलवे लाइन के किनारे झुगी झोपड़ी बना कर अपनी जिंदगी गुजर बसर करने पर मजबूर हैं. बीडीओ और सीओ प्रदर्शकारियों के बीच पहुंचे और पांच सूत्री मांग सहित वास-आवास के तहत गरीब भूमिहीनों को पांच डिसमिल के लिए 904 फार्म को जमा लिया. साथ ही उन्होंने कहा कि जमा लिए फॉर्म के अनुसार अग्रेतर करवाई करते हुए लाभुकों का उनका लाभ दिया जायेगा. प्रदर्शन में अर्जुन मांझी, शंभू मांझी, भरत मांझी, शरीफ मांझी, तुलसी मांझी, संजय मांझी, राकेश कुमार, विमली देवी, सुनीता हेम्ब्रम, ब्रमदेव मांझी, गोरे मांझी, सरिता देवी, डसवा देवी, ललित मरांडी, रूबी देवी, किरण देवी सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे.
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