Jamui News : ओपीडी में बिना स्मार्ट फोन के नहीं हो पा रहा इलाज, मरीज परेशान
बिना एंड्रॉयड फोन वाले मरीज बैरंग हो रहे वापस
जमुई. यदि मरीज के पास स्मार्ट फोन नहीं है, तो सदर अस्पताल की ओपीडी में इलाज की संभावना दूर-दूर तक नहीं है. एंड्रायड फोन नहीं रखने के कारण सदर अस्पताल में प्रत्येक दिन कम से कम दो दर्जन मरीज बगैर इलाज के घर वापस होने को मजबूर हो रहे हैं. ऐसे मरीजों द्वारा कई बार विनती करने के बाद भी चिकित्सक इलाज करने को राजी नहीं हो रहे हैं. बताते चलें कि सदर अस्पताल के महिला और पुरुष ओपीडी में इलाज के लिए प्रत्येक दिन लगभग चार सौ से अधिक मरीजों का निबंधन मुख्यमंत्री डिजिटल बिहार हेल्थ भव्या के तहत ऑनलाइन हो रहा है. मरीज अपने मोबाइल से अपने घर से ही इलाज के लिए निबंधन कर ले रहे हैं. केवल मरीज को काउंटर पर आकर अपने निबंधन की छोटी-सी पर्ची लेनी पड़ रही है. संबंधित चिकित्सक के पास जाकर केवल पर्ची देनी पड़ती है इसके बाद उनकी सभी प्रकार की जांच व इलाज हो जाता है.
मरीज ने कहा एंड्रॉयड फोन नहीं था, तो नहीं किया इलाज
शुक्रवार को सदर अस्पताल में इलाज कराने आयीं आरती देवी का कहना है कि वे दस बजे से इलाज करने के लिए सदर अस्पताल में इधर-उधर दौड़ रही हैं. चिकित्सक द्वारा पहले ऑनलाइन निबंधन करने की सलाह देकर इलाज नहीं किया गया. मेरे घर में एक भी एंड्रॉयड फोन उपलब्ध नहीं है. अस्पताल में जिसके पास फोन उपलब्ध था उनसे भी ऑनलाइन निबंधन करने के लिए विनती की. पर निबंधन नहीं हो सका. इस कारण बिना इलाज के घर वापस लौटना पड़ रहा है. ऐसे एक दर्जन से अधिक लोग थे, जो मोबाइल लेकर सदर अस्पताल इलाज के लिए नहीं पहुंचे थे. यहां तक कि दवा वितरण काउंटर पर भी मरीज को पुर्जा की आवश्यकता नहीं पड़ती है. बल्कि दवा का पुर्जा भी दवा काउंटर पर ऑनलाइन पहुंच जाता है. पुर्जा के अनुसार मरीज को दवा उपलब्ध करा दी जाती है. लेकिन जिनके पास मोबाइल की सुविधा उपलब्ध नहीं है ऐसे मरीज को ओपीडी के तहत इलाज नहीं हो पता है. ऐसे लोग सदर अस्पताल में घंटों इलाज के लिए चक्कर काटते रहते हैं और अंत में निराश होकर बगैर इलाज के ही घर वापस लौट जाते हैं.
कहते हैं प्रबंधक
इमरजेंसी में मोबाइल रहे या नहीं रहे, सबसे पहले मरीज का इलाज किया जाता है. लेकिन ओपीडी में ऑनलाइन निबंधन की व्यवस्था लागू की गयी है. व्यवस्था लागू होने के बाद कुछ लोग मोबाइल लेकर नहीं पहुंचते हैं. इस कारण उनका निबंधन नहीं हो पाता है.
-रमेश कुमार पांडेय, प्रबंधक, सदर अस्पताल, जमुईB
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