आग उगलती गर्मी व गर्म हवा के कारण घटा सब्जियों की पैदावार
मौसम की मार से कीमत में आयी उछाल से खरीदारों को लग रहे महंगाई के झटके
जमुई. शरीर को जला देने वाली गर्मी और हवा के गर्म झोकों ने जिले के सब्जी उत्पादकों की कमर तोड़ दी है. नौबत ऐसी कि फल लगने से पहले ही फूल झुलस कर झड़ जा रहे रहे हैं. पैदावार में करीब 50 फीसदी की गिरावट आ गयी है. इससे एक सप्ताह के अंदर प्राय: सभी हरी सब्जियों के दाम दोगुने हो गये हैं. आसमान से बरस रही आग के कारण सब्जी की पैदावार काफी कम हो गयी है. सिंचाई करने के बाद भी पौधों में हरियाली नहीं दिखती है. मौसम की मार के आगे किसान त्राहिमाम कर हैं, तो महंगी सब्जियां खरीदने में खरीदार पस्त हो रहे हैं. सदर प्रखंड क्षेत्र के नीम नवादा, लखनपुर, पतौना, अमरथ सहित अन्य इलाके में बड़े पैमाने पर सब्जियों की खेती की जाती है.
वर्तमान में खेतों में कद्दू, बोड़ा, भिंडी, करैला, परोल, खीरा आदि सब्जी की फसलें लगी हैं. लखनपुर गांव के किसान रंजय कुमार, रुपेश मंडल, प्रवीण कुमार, अमरथ के विश्वनाथ यादव, बिक्की कुमार, मनोज कुमार, नीम नवादा गांव के राहुल सिंह, अशोक मंडल, भाटचक गांव के किसान भानु कुमार समेत अन्य किसानों ने बताया कि तपिश की वजह से पौधों की बढ़वार काफी कम हो गयी है. पहले की अपेक्षा उपज में गिरावट हो गयी है. मौसम की बेरुखी के कारण मेहनत के साथ पूंजी ऊपर होने पर भी आफत है. एक तरफ आग उगलती गर्मी सबकुछ तबाह कर रही है, तो दूसरी तरफ कीट-व्याधियाें से सब्जी के पौधों को काफी नुकसान पहुंच रहा है. नौबत ऐसी कि दवा का असर भी नहीं दिखता है. गर्मी के कारण फल बनने से पहले ही फूल झुलस झड़ जा रहे हैं. सिंचाई करने के बाद भी पौधे हरे-भरे नहीं दिखते हैं. मौसम की मार के आगे कोई उपाय नहीं सूझ रहा है. कुछ दिन और मौसम का मिजाज ऐसा ही रहा तो सब्जी उत्पादक किसानों की सारी उम्मीदों पर पानी फिर जायेगा. हालांकि अगर एक सप्ताह में बारिश हो जाती है तो झुलस रही फसलों को जरूर राहत मिल जाएगी.वर्तमान में सब्जियों की कीमत पर एक नजर
सब्जी – दर प्रति किलो ग्रामपरवल – 60 रुपयेभिंडी – 40 रुपयेकरैला – 60 रुपयेबोरा – 60 रुपयेखीरा – 50 रुपयेकद्दू – 20 से 40 प्रति पीसडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है