आधुनिक भारत की रचना में मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का योगदान अभूतपूर्व
झाझा रेलवे स्टेशन स्थित मेमूकार शेड में मनाया गया अभियंता दिवस
झाझा. पूर्व मध्य रेलवे के अखिल भारतीय रेल अभियंताओं ने मेमूकार शेड परिसर में रविवार को अभियंता दिवस मनाया. कार्यक्रम का शुभारंभ अभियंताओं ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. इसके बाद इंजीनियर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया गया. मौके पर अभियंता ओमप्रकाश कुमार ने कहा कि आधुनिक भारत की रचना में मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का योगदान अभूतपूर्व है. वे समय के बडे़ ही पाबंद व्यक्ति थे और हर एक काम को बडे़ ही लगनशीलता के साथ करते थे अर्थात उनके लिये काम ही पूजा थी. उनके द्वारा किये गये कई ऐसे कार्य से भारत आज भी गर्व महसूस करता है. उन्होंने कहा कि मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को अपने काम के प्रति दृढ़ विश्वास व इच्छाशक्ति नहीं होती तो आज भारत इतना विकास नहीं कर सकता. उन्होंने कठिनाईयों का सामना करते हुये इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी. कभी भी मुश्किलों से घबराये नहीं बल्कि उसका सामना किया. उन्हें भारत की प्रोद्योगिकी का जनक भी कहा जाता है. मौके पर उपस्थित अन्य वक्ताओं ने भी मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के जीवनी पर चर्चा करते कहा कि उनकी उपलब्धियों को देखते हुए ही उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया. आवश्यकता है कि उनके आदर्शों को अपनाया जाये. मौके पर अभियंता ए एक्का, भारत भूषण, संजीव सिंह, संजय सिंह, अशोक कुमार ठाकुर, राजेश कुमार समेत दर्जनों लोग मौजूद थे.
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