जमुई. जिले में माॅनसून सक्रिय हो गया है. मंगलवार की अहले सुबह से शुरू हुई झमाझम बारिश से मौसम सुहाना हो गया और जिलेवासियों को तपती गर्मी से राहत मिली. लेकिन बारिश के बाद शहर के विभिन्न मुहल्लों में नाली जाम रहने के कारण बारिश और नाली का पानी सड़क पर जमा हो गया. इस कारण आने-जाने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. शहर के पंचमंदिर रोड़, महाराजगंज, खैरा मोड़, शांति नगर मुहल्ला, कल्याणपुर, शिवंडी मुहल्ला, आजादनगर मुहल्ला, पाटलीपुत्रा कॉलोनी सहित अन्य जगहों पर नाली और बरसात का पानी जमा हो गया. बताते चलें कि नगर परिषद अंतर्गत तीस वार्डों आते हैं और लगभग सभी वार्डों में जल जमाव की समस्या बनी हुई है. आश्चर्य की बात यह है कि हर वित्तीय वर्ष में करोड़ों रुपये नाली- गली के विकास के नाम पर खर्च किये जाते हैं लेकिन स्थिति यह है कि थोड़ी सी बारिश होने पर ही शहर की सूरत बिगड़ जाती है. गलियों में जलजमाव की समस्या से लोगों का आवागमन करना मुश्किल हो जाता है. मुख्य बाजार की हालत बदहाल हो जाती है. बारिश और नाली के पानी से गली – मुहल्ले की सड़कें डूबने का मुख्य कारण यह है कि बरसात के पूर्व नगर परिषद द्वारा शहर के नाली और गलियों की नालियां की सघन उड़ाही नहीं करवायी गयी है. उड़ाही के नाम पर नालियों की ऊपर कचरे को फेंका गया. लोगों का कहना है कि विकास का दावा और कथा कहनेवाली सरकार और इनके प्रशासन तंत्र को जनहित की चिंता नही है. बदहाली का आलम यह है कि थोड़ी सी बारिश होते ही मुख्य बाजार कीचड़ से सन जाता है. शहर की सड़कों और वार्डों की गलियों में जलजमाव हो जाता है. प्राय: हर वर्ग के लोगों का आना-जाना मुश्किल हो जाता है. बाजार में लोग फिसलकर गिरने लगते हैं खासकर महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चों को ज्यादा परेशानी होती है.
शांति नगर, आजाद नगर, शिवंडी, पाटलीपुत्रा कॉलोनी की हालत खराब
नगरपरिषद क्षेत्र के आजाद नगर, शांति नगर, शिवंडी, पाटलिपुत्र कॉलोनी सहित अन्य मुहल्ले में नई बसावट हुई है. जहां बड़ी संख्या में नये मकान बने हैं. सभी मुहल्लाें से गंदे पानी के निकास की व्यवस्था नहीं है. उक्त इलाके से जो नाला गुजरा है वह भी कई जगहों पर भरा हुआ है. परिणाम यह है कि बरसात होने की स्थिति में घरों का गंदा पानी मुहल्ला के नाले में जमा है. फिलहाल शहर की स्थिति रामभरोसे है. अब लोगों को डीएम राकेश कुमार और नव प्रतिनियुक्त नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी से उम्मीद है कि वो इस समस्या का समाधान करने की दिशा में कारगर कदम उठायेंगे.
सदर अस्पताल परिसर बना तालाब
शहर में मंगलवार की सुबह हुई झमाझम बारिश से सदर अस्पताल परिसर तालाब में तब्दील हो गया है. सदर अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष, ब्लड बैंक, एसएनसीयू, एसीएमओ कार्यालय तथा सदर अस्पताल के मुख्य द्वार के समीप बारिश का पानी जमा होने के कारण इलाज के लिये सदर अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों व उनके परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लगभग चार घंटे तक रुक-रुककर हुई बारिश ने सदर अस्पताल के ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोल कर रख दी है. इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचे मरीज और उनके परिजन द्वारा बताया गया कि यदि समय पर नालियों की उड़ाही करा दी जाती तो सदर अस्पताल का यह हाल नहीं होता. अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही कारण हमेशा बारिश के बाद सदर अस्पताल परिसर में जल जमाव हो जाता है. जिससे इलाज कराने आए मरीजों और उनके परिजनों को फजीहत झेलनी पड़ रही है. मरीज के साथ उनके परिजन भी अस्वस्थ होने लगते हैं.
बारिश से किसानों के चेहरे खिले
बारिश से जहां गर्मी से लोगों को राहत मिली है. वहीं किसानों के चेहरे खिल उठे. बारिश होने से खेतों में नमी हो जाने से धान के बीज डालने में अब किसानों को सहूलियत होगी. सदर प्रखंड के नीम नवादा, लखनपुर, अमरथ, भाटचक गांव के किसान बिक्की महतों, लखन मंडल, सौरव साव, रुपेश मंडल, द्वारका यादव सहित अन्य किसानों ने बताया कि आंद्रा नक्षत्र में बारिश होने से अब खेतों में जान आ गयी है. सभी किसान खेत तैयार करने में जुट गये है ताकी धान का बिचड़ा डाल सके. जबकि बारिश से खेत में लगे भिंडी, परवल, करेला, कद्दू, तरोई, बैगन, हरी मिर्च, टमाटर सहित अन्य सब्जियों के फसल को भी राहत मिली है.
बारिश के बाद शहर में जलजमाव हुआ है जल निकासी को लेकर कार्य किया जा रहा है जल्द ही जलजमाव से लोगों को निजात मिल जायेगा. बरसात के पहले शहर में सघन नाली उड़ाही को लेकर नप के कार्यपालक पदाधिकारी से कहा गया था लेकिन उन्होंने सबकुछ ठीक रहने की बात कही और सघन नाली उड़ाही से मना कर दिया.
नप अध्यक्ष मो हलीम उर्फ लोलोB
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