जमुई. शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन शुक्रवार को श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा -अर्चना कर आशीर्वाद मांगा. जबकि शनिवार को दुर्गा मंदिरों में मां के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की आराधना होगी. शहर के पंच मंदिर स्थित बड़ी दुर्गा मंदिर के पुरोहित नंदन पांडेय ने बताया कि ब्रह्मचारिणी में ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और तप का आचरण करनेवाली भगवती को ब्रह्मचारिणी कहा गया. उन्होंने बताया कि मान्यता है कि माता ब्रह्मचारिणी की पूजा और साधना करने से कुंडलिनी शक्ति जागृत होती है. कुण्डलिनी शक्ति एक ऐसी शक्ति होती है, जिसके जाग्रत होने पर व्यक्ति का जीवन सफल हो जाता है. साधक जो चाहता है, वैसा ही होता है. सम्पूर्ण प्रकृति उसके कहे अनुसार काम करने लगती है. इसलिए कुण्डलिनी जागरण को भारतीय संस्कृति में सबसे कठिन साधना भी माना जाता है. मां ब्रह्मचारिणी की उपासना करने से भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
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