Jamui News: अधिक रुपये कमाने की लालच में शराब तस्करी से जुड़ रहे युवा
सोनो. बिहार में शराबबंदी कानून लागू होते ही शराब तस्कर भी सक्रिय हो गये. चूंकि शराब के आदी हो चुके लोगों को हर हाल में शराब की चाहत होती है, लिहाजा वे अधिक कीमत देकर भी शराब की उपलब्धता के लिए लालायित रहते हैं. इसी का फायदा शराब तस्कर उठाते हैं. चोरी छिपे शराब उपलब्ध […]
सोनो. बिहार में शराबबंदी कानून लागू होते ही शराब तस्कर भी सक्रिय हो गये. चूंकि शराब के आदी हो चुके लोगों को हर हाल में शराब की चाहत होती है, लिहाजा वे अधिक कीमत देकर भी शराब की उपलब्धता के लिए लालायित रहते हैं. इसी का फायदा शराब तस्कर उठाते हैं. चोरी छिपे शराब उपलब्ध कराकर शराबियों से दोगुने दाम वसूलने के इस कारोबार ने युवाओं को आकर्षित किया है. सोनो प्रखंड क्षेत्र में भी दर्जनों युवा कम समय में अधिक रुपये कमाने की लालच में शराब तस्करी की ओर उन्मुख हुए हैं और जोरदार कमाई भी कर रहे हैं. लेकिन वे यह भूल गये कि गलत और अवैध तरीके से की गयी कमाई का परिणाम होता है. बीते कुछ वर्षों में दर्जनों युवा शराब तस्करी के जुर्म में जेल भी जा चुके हैं और कुछ पर मुकदमा भी चल रहा है. हद तो तब हो जाती है जब गलत और गैर कानूनी धंधे में युवा के अभिभावकों की भी मौन स्वीकृति हो जाती है. बीते गुरुवार को ही सोनो पुलिस ने सोनो बाजार में कई ठिकानों पर छापेमारी कर बड़ी मात्रा में विदेशी शराब और बीयर को जब्त की गयी. साथ ही तीन शराब तस्करों को भी गिरफ्तार किया, जिसमें दो तस्कर युवा हैं. जबकि एक तस्कर का पिता है. जिसका सहयोग युवा पुत्र के अवैध कारोबार को मिलता था. दरअसल शराब के इस धंधे में रुपये की मोटी कमाई युवाओं को आकर्षित कर रहा है. झारखंड सीमा से नजदीक होने के कारण सीमा पार से किसी न किसी तरह शराब की तस्करी करके युवा अपने ठिकाने पर जमा कर लेते हैं और आर्डर के मुताबिक घर तक भी पहुंचा देते हैं. बदले में उन्हें मोटी कमाई हो जाती है. अब ऐसे युवाओं की कमाई देख अन्य युवा भी इस अवैध और खतरनाक कारोबार में कूद रहे हैं. प्रखंड क्षेत्र के बुद्धिजीवी युवाओं के इस रवैए से चिंतित हैं.
शराब की होम डिलिवरी तक कर देते हैं युवा तस्कर
सूत्र की मानें तो शराब तस्करी का यह फलता-फूलता कारोबार युवाओं को आकर्षक लग रहा है. कुछ ही समय में रहन-सहन बदलने से लेकर तस्कर की कमाई भी साफ दिखने लगती है. ये युवा तस्कर अधिक मूल्य मिलने पर शराब की डिमांड करने वालों को होम डिलिवरी तक करवा देते हैं. आसानी से घर पर प्रतिबंधित शराब मिलने से शराब के शौकीन अत्यधिक मूल्य देने से भी गुरेज नहीं करते. फलस्वरूप युवा तस्कर की आर्थिक स्थिति कुछ ही समय में बदलने लगती है. हर तस्कर का अपना फिक्स कस्टमर है, जिसे वह फोन आते ही बतायी गयी जगह पर उपलब्ध करा देता है. पुलिस को भी यह पता हो गया है. बाजार में पुलिस ने अपने गुप्तचर भी लगा रखे हैं. जिसकी सूचना पर समय-समय पर ऐसे तस्करों की गिरफ्तारी और शराब की बरामदगी होती है. रुपये की लालच में गलत धंधे अपनाकर कई युवा अपना भविष्य खराब कर चुके हैं.
शराब तस्करी के लिए अपनाते है नयी-नयी तरकीब
झारखंड के देवघर या गिरिडीह इलाके से चोरी छिपे शराब लाने के लिए तस्कर किसी पुरानी कार की खरीदारी बेहद कम मूल्य में करते हैं. इसी वाहन का उपयोग शराब लाने में किया जाता है. कार के अलावा अन्य कई नयी-नयी तरकीब लगाकर तस्कर शराब को अपने गंतव्य तक लाते हैं. कई जगहों पर तो कुछ तस्कर शराब तस्करी रोकने वाले जिम्मेदार को भी लालच में लेकर अपना काम निकाल लेते हैं. बड़े तस्कर खुद तस्करी वाले वाहन में नहीं होते है. अगर कहीं वाहन पकड़ा भी गया, तो मुख्य तस्कर बच निकलते हैं. कई बार बड़ी पूंजी लगाकर बिहार लायी जा रही शराब जब्त होती रही है.
पुलिस और उत्पाद विभाग ने लगा रखा है बैरियर
झारखंड से शराब की तस्करी रोकने के लिए पुलिस और उत्पाद विभाग ने जगह-जगह बैरियर व चेकपोस्ट लगा रखा है, जहां झारखंड से आने वाले वाहनों की सघन जांच की जाती है. खासकर कार पर विशेष नजर रहती है. इन चेकपोस्ट पर आये दिन शराब की खेप पकड़ी भी जाती है. फिर भी तस्कर शराब कारोबार से नहीं हटते और किसी न किसी तरह शराब ले ही आते हैं.