Jayaprakash Narayan: गुजरात में मेस चार्ज बढ़ाने के विरोध से शुरू हुआ था आंदोलन, जानें कैसे पहुंचा बिहार

Jayaprakash Narayan बिहार के आंदोलन में शामिल होने से पहले गुजरात में इंजीनियरिंग कॉलेज के मेस चार्ज बढ़ने का विरोध में शामिल थे. छात्र आंदोलन में पटना में सर्चलाइट प्रेस भी जला दिया गया. उस वक्त लव कुमार मिश्रा इस अखबार में कार्यरत थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 8, 2022 2:52 PM

18 मार्च 1974 को छात्रों के द्वारा बिहार विधानसभा का घेराव किया गया. इस दौरान पटना में छात्रों के द्वारा कई जगह आगजनी की गयी. इस आगजनी में सर्चलाइट प्रेस को भी जला दिया गया. उस वक्त लव कुमार मिश्रा इस अखबार में कार्यरत थे. वो बताते हैं कि बिहार में छात्र आंदोलन से पहले गुजरात के इंजीनियरिंग कॉलेज में खाने के मेस का चार्ज बढ़ा दिया गया. इसके खिलाफ बड़ा आंदोलन हुआ. राज्य में कांग्रेस सरकार को इस्तीफा देना पड़ा. इसे देखते हुए बिहार में छात्र संघ के द्वारा आंदोलन का मन बनाया गया.

ऑफिस में बैठते थे दो सेंसर अधिकारी

लव कुमार बताते हैं कि लालू यादव की अध्यक्षता में छात्र संघ की बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में विधानसभा का घेराव करने का फैसला लिया है. फिर इसके बाद आपातकाल लगने तक राज्य में आंदोलन और सरकार को लेकर अखबार में सुर्खियां रहती थी. बाद में सरकार के खिलाफ कुछ भी लिखने की मनाही थी. प्रेस के ऑफिस में दो सेंसर अधिकारी बैठे रहते थे. उनके द्वारा हर खबर को सेंसर किया जाता था.

आपातकाल में गिरफ्तार नहीं हुआ एक भी पत्रकार

आपातकाल के दौरान प्रेस पर सेंसर जरूर था. मगर पत्रकारों को परेशान नहीं किया जाता था. इस दौरान किसी पत्रकार को गिरफ्तार नहीं किया गया. वहीं जेल में भी जो पॉलिटिकल प्रिजनर्स रहते थे, उनपर कोई खास सख्ती नहीं होती थी. उनमें ज्यादातर लोगों इलाज के नाम पर पीएमसीएस के कैदी वार्ड में भर्ती हो गए. वहां भी उनके परिवार से मिलने पर कोई खास मनाही नहीं थी. साथ ही, उनके पे रोल पर घर जाने की भी व्यवस्था थी.

लालू ने खूद को कराया था गिरफ्तार

लव कुमार मिश्रा बताते हैं कि लालू प्रसाद यादव छात्र संघ के अध्यक्ष थे. उन्हें अपनी गिरफ्तारी देनी थी तो उन्होंने डीएम को फोन करके बोला कि मुझे घर से गिरफ्तार कर लें. ऐसी ही एक वाक्या है कि उन्होंने डीएम को कहा कि उन्हें गिरफ्तारी देना है. डीएम ने एक एसडीएम को गाड़ी के साथ उनके घर पर भेज दिया. फिर उन्होंने गिरफ्तारी देने से मना कर दिया कि जबतक बड़ी मात्रा में पुलिस फोर्स नहीं आती वो गिरफ्तार नहीं होंगे. इसके बाद बड़ी कैदी गाड़ी और पुलिस बल को बुलाया गया.

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