पटना. दिल्ली नगर निगम चुनाव में एक बार फिर जदयू की झोली खाली रह गयी. एक बार फिर दिल्ली में जदयू को करारी हार मिली है. बुधवार को चुनाव के नतीजे आने के बाद जहां आम आदमी पार्टी ने एमसीडी में भाजपा का 15 साल से चले आ रहे राज को खत्म कर दिया है, वहीं दिल्ली की जनता ने जदयू को एक बार फिर सिरे से ठुकरा दिया है. जदयू कहीं टक्कर में नहीं रही.
एमसीडी की 250 वार्डों में से 23 सीटों पर जदयू ने अपने उम्मीदवार उतारे थे. फोकस उन वार्डों पर था जहां बिहार-यूपी के लोगों की संख्या ठीक ठाक है. इसके बावजूद जदयू कहीं मुकाबले नहीं रहा, जबकि जदयू के कई नेता एमसीडी चुनाव के प्रचार में लगे थे, लेकिन सफलता नहीं मिली. जदयू की इस करारी हार से नीतीश कुमार को एक बार पार्टी के विस्तार करने की योजना को झटका लगा है. इसके पहले भी कई बार जदयू एमसीडी का चुनाव लड़ चुकी है.
कुछ दिनों पहले दिल्ली में ही नीतीश कुमार के मंत्री और जदयू नेता संजय झा ने कहा था कि एमसीडी चुनाव में उनकी पार्टी जोर-शोर से लड़ेगी. उन्होंने दिल्ली के बदरपुर में यह बात कही थी. उस वक्त उन्होंने आम आदमी पार्टी की सुषमा मिश्रा को जदयू में शामिल किया था. चुनाव परिणाम आने के बाद जदयू के चुनाव प्रभारी संजय झा ने कहा कि हमारा प्रयास अपनी उपस्थिति दिखाने का था और हम इसमें सफल रहे. उन्होंने कहा कि कुछ सीटों पर तो हमारे उम्मीदवार को राष्ट्रीय पार्टी से भी अच्छे वोट मिले हैं. दिल्ली चुनाव परिणाम से हम निराश नहीं हैं. आने वाले समय में जब नगर निगम का चुनाव होगा, तब भी हम पूरी मजबूती से चुनाव लड़ेंगे और जदयू बेहतर प्रदर्शन करेगा.
इधर, बिहार विधान परिषद् के नेता विरोधी दल सम्राट चौधरी ने जदयू पर जोरदार हमला बोला है. भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनने का सपना देखते हैं. उनकी पार्टी देश भर के भाजपा विरोधियों को एक साथ करने में लगी हुई है. लेकिन, उस पार्टी का परिणाम देखिए दिल्ली नगर निगम चुनाव में कहीं कुछ मालूम नहीं चला. पार्टी का यहां खता भी नहीं खुल पाया. नीतीश कुमार से सही मायने में बिहार तो संभल नहीं रहा है और दिल्ली में चुनाव लड़ने चले जाते हैं. इसी कारण उनके हाथ से बिहार भी चला जाएगा.