पूर्व विधान पार्षद रणवीर नंदन को जदयू ने छह साल के लिए किया निष्कासित, नंदन ने कहा-दिया इस्तीफा

जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा की तरफ से बुधवार को प्रो नंदन के निष्कासन को लेकर एक पत्र जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि पार्टी की विचारधारा से विपरीत प्रेस विज्ञप्ति व बयान देने और पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने के कारण उन्हें पार्टी ने सभी पदों से पदमुक्त कर दिया गया है.

By Ashish Jha | September 27, 2023 7:24 PM

पटना. पूर्व विधान पार्षद प्रो रणवीर नंदन को जदयू ने पार्टी से छह साल के निष्कासित कर दिया है. जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा की तरफ से बुधवार को प्रो नंदन के निष्कासन को लेकर एक पत्र जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि पार्टी की विचारधारा से विपरीत प्रेस विज्ञप्ति व बयान देने और पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने के कारण उन्हें पार्टी ने सभी पदों से पदमुक्त कर दिया गया है. साथ ही छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है. वहीं, प्रो रणवीर नंदन ने कहा है कि उन्होंने बुधवार को जदयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. इस संबंध में उन्होंने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को संबोधित अपना इस्तीफा पत्र, उनके सहित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा को भी भेज दिया है.

Also Read: बिहार: सीएम नीतीश कुमार जमुई में क्षतिग्रस्त बरनार काजवे पुल का आज करेंगे मुआयना, लोगों में जगी उम्मीद..

बड़े बेआबरू होकर….

वैसे तो रणवीर नंदन ने अपने इस्तीफे में कोई कारण नहीं बताया है कि वे क्यों जदयू छोड़ रहे हैं. लेकिन उनके इस्तीफे को लेकर पार्टी में जो चर्चा है, उसके मुताबिक वे बड़े बेआबरू होकर नीतीश कुमार के कूचे से निकले हैं. वो पार्टी की मुख्यधारा से बिल्कुल अलग थलग कर दिये गये थे. कभी उनकी गिनती नीतीश कुमार के किचन कैबिनेट के सदस्यों में होती थी, लेकिन अब उन्हें पार्टी के 12 प्रदेश प्रवक्ताओं में एक प्रवक्ता बनाकर छोड़ दिया गया था.

बैठकों से गायब थे रणवीर नंदन

दो दिन पहले नीतीश कुमार ने पार्टी के प्रकोष्ठों के अध्यक्षों और प्रदेश प्रवक्ताओं के साथ बैठक की थी. उस बैठक से भी रणवीर नंदन गायब थे. बताया जाता है कि उस बैठक में रणवीर नंदन को बुलाया नहीं गया था. वैसे भी पार्टी नेतृत्व के निर्देश के मुताबिक जदयू के हर प्रवक्ता नियमित तौर पर पार्टी दफ्तर में प्रेस कांफ्रेंस कर रहे हैं, लेकिन रणवीर नंदन को इससे अलग रखा गया था. उन्हें जदयू की गतिविधियों से पूरी तरह से अलग थलग कर दिया गया था.

Also Read: बिहार में 3 लाख से अधिक बच्चों के सरकारी स्कूल से कटे नाम, सैकड़ों शिक्षकों पर गिरी गाज, कई सस्पेंड..

भाजपा से जदयू में आये थे

रणवीर नंदन भाजपा से जदयू में आये थे. 2013 में जब नरेंद्र मोदी के नाम पर नीतीश कुमार ने बीजेपी से नाता तोड़ा था तो रणवीर नंदन भाजपा से छलांग मार कर जदयू में पहुंच गये थे. उन्हें नीतीश कुमार ने एमएलसी बना दिया था. उस दौर में रणवीर नंदन नीतीश कुमार के किचन कैबिनेट के मेंबर माने जाते थे. लेकिन जब उनका एमएलसी का 6 साल का टर्म पूरा हुआ तो नीतीश कुमार ने रणवीर नंदन को दुबारा मौका नहीं दिया. पार्टी में भी उन्हें कोई अहम काम नहीं सौंपा गया. ऐसे में अब रणवीर नंदन से इस्तीफा दिया है. दिलचस्प बात ये भी है कि रणवीर नंदन जदयू के प्रदेश प्रवक्ता हैं. उन्हें अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष को भेजना था, लेकिन उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष को त्याग पत्र भेजा है.

जदयू ने लगाया ये आरोप

उधर, जदयू ने भी रणवीर नंदन पर एक्शन लेते हुए पार्टी से छह साल के लिए बाहर कर दिया है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने पत्र जारी करते हुए कहा है कि आपके द्वारा पार्टी के विचार धारा से विपरित लगातार प्रेस विज्ञप्ति व बयान देने एवं पार्टी विरोधी कार्य में संलिप्त रहने के कारण तत्काल प्रभाव से पार्टी के सभी पद से पदमुक्त कर प्राथमिक सदस्यता रद्द करते हुए छह वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित किया जाता है.

Next Article

Exit mobile version