पटना. जदयू ने इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर अरुणाचल प्रदेश में एक उम्मीदवार की घोषणा बुधवार को कर दी है. पार्टी ने रूही तांगुंग को अपना उम्मीदवार बनाया है. वे अरुणाचल पश्चिम पीसी (संसदीय निर्वाचन क्षेत्र) से जदयू के उम्मीदवार होंगे. अरुणाचल प्रदेश में लोकसभा की कुल दो सीट हैं. इनमें से एक सीट पर जदयू ने अपना उम्मीदवार खड़ा कर दिया है. जदयू की ओर से यह घोषणा उस वक्त हुई है जब इंडिया गठबंधन के अंदर सीटों को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है. ऐसे में गठबंधन की ओर से सीटों को लेकर कोई ऐलान से पहले पार्टी की ओर से इस घोषणा को राजनीतिक पंडित समझने की कोशिश कर रहे हैं.
राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर जारी हुआ नाम
इस संबंध में जदयू के राष्ट्रीय महासचिव सह विधान पार्षद अफाक अहमद खान ने पत्र जारी किया है. इस पत्र में बताया गया है कि लोकसभा चुनाव के साथ ही अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी होंगे. जदयू वहां विधानसभा चुनाव भी लड़ेगा. यह घोषणा जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के निर्देश के अनुसार की गई है. हालांकि इंडिया गठबंधन में सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है, लेकिन जदयू की तरफ से लोकसभा चुनाव की तैयारी के तहत उम्मीदवारों की घोषणा की जा रही है.
2019 में बीजेपी ने जीती थी सीट
जेडीयू के महासचिव अफाक अहमद ने कहा कि पार्टी की स्टेट यूनिट के अध्यक्ष रूही तांगुंग अरुणाचल प्रदेश की पश्चिम लोकसभा सीट से जेडीयू के उम्मीदवार होंगे. विपक्षी गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस 2019 के चुनाव में इस सीट पर दूसरे स्थान पर रही थी. ऐसे में इस फैसले से कांग्रेस की टेंशन बढ़ सकती है. पिछले चुनाव में बीजेपी ने राज्य की दोनों सीटों पर जीत हासिल की थी. गौरतलब है कि यहां पिछली बार लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी हुए थे.
अब तक दो उम्मीदवारों के नाम का हो चुका है एलान
पार्टी सूत्रों की मानें तो इंडिया गठबंधन में सीटों का बंटवारा होने पर उसके अनुसार पार्टी फिर से निर्णय ले सकती है. इससे पहले विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने पिछले दिनों कहा था कि सीएम नीतीश कुमार ने उन्हें सीतामढ़ी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने कहा है. ऐसे में जदयू ने पहले देवेश चंद्र ठाकुर और अब रूही तांगुंग के रूप में दो उम्मीदवार तय कर दिए हैं.
इंडिया गठबंधन में नीतीश कुमार को नहीं मिली जिम्मेदारी
इससे पहले इंडिया गठबंधन में नीतीश कुमार को भूमिका नहीं दी गई थी, जिसके बाद जेडीयू के नेताओं ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था. इसके बाद मीडिया में खबर आयी थी कि इंडिया गठबंधन छोड़ सकते हैं. वैसे नीतीश कुमार के करीबी संजय झा ने पत्रकारों से बात करते हुए इस खबर को बेबुनियाद बताया और कहा कि नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन को एकजुट करनेवाले नेता रहे हैं, उनका गठबंधन से बाहर जाने का कोई सवाल नहीं है.
जदयू ने इंडिया गठबंधन अलग होने की बात को बताया अफवाह
हालांकि, उनकी पार्टी ने हाल ही में अपनी राष्ट्रीय परिषद की बैठक में केंद्र की बीजेपी सरकार की आलोचना और इंडिया गठबंधन में अपने नेता को महत्वपूर्ण भूमिका देने की वकालत की थी. इस बीच ऐसी चर्चाएं भी हैं कि इंडिया गठबंधन में कुछ फेरबदल हो सकता है और नीतीश कुमार को गठबंधन का संयोजक बनाया जा सकता है.