जदयू नेता महेश्वर प्रसाद भूले शब्दों की मर्यादा, रामचरितमानस को बैन करने की मांग करनेवालों पर की अभद्र टिप्पणी

शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का नाम लिए बगैर महेश्वर प्रसाद सिंह ने रामचरितमानस को लेकर दिए बयान पर जमकर भड़ास निकाली. उन्होंने रामचरितमानस को बैन करने की मांग करनेवालों के खिलाफ असंसदीय शब्दों का प्रयोग किया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 23, 2023 7:02 PM

पटना. जदयू की ओर से आयोजित महाराणा प्रताप स्मृति समारोह कार्यक्रम में पूर्व विधायक और पार्टी के वरिष्ठ नेता महेश्वर प्रसाद सिंह ने विवादास्पद बयान दिया है. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का नाम लिए बगैर महेश्वर प्रसाद सिंह ने रामचरितमानस को लेकर दिए बयान पर जमकर भड़ास निकाली. उन्होंने रामचरितमानस को बैन करने की मांग करनेवालों के खिलाफ असंसदीय शब्दों का प्रयोग किया. महेश्वर प्रसाद सिंह ने भले शिक्षा मंत्री का नाम नहीं लिया लेकिन उनका इशारा शिक्षा मंत्री की तरफ ही था.

रामचरितमानस हमें संस्कार सिखाता है

महेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि राम चरित्र मानस क्या बताता है, क्षेत्रीय धर्म क्या है. माता-पिता के साथ संबंध कैसा हो, भाई-भाई के साथ संबंध कैसा हो, पति-पत्नी का संबंध कैसा हो और गुरु-शिष्य का संबंध कैसा हो. रामचरितमानस हमें संस्कार सिखाता है. रामचरित्र मानस पर बोलने वाले लोग अनपढ़, गवार हैं और इसकी सजा उन्हें मिलनी चाहिए. उन्होंने रामचरितमानस को बैन करने की मांग करनेवाले लोगों के खिलाफ असंसदीय शब्दों का प्रयोग किया.


शिक्षा मंत्री अभी भी अपने बयान पर अड़े हुए हैं

बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था और उसके बाद ही विवाद शुरू हो गया. जदयू की तरफ से नाराजगी जतायी गई है. जदयू की तरफ से उन पर कार्रवाई की मांगी भी की जा रही है. साथ ही बयान वापस लेने के लिए दबाव भी डाला गया, लेकिन राजद की तरफ से अभी तक न तो कोई कार्रवाई हुई है और ना ही शिक्षा मंत्री ने अपना बयान वापस लिया है. शिक्षा मंत्री अभी भी अपने बयान पर अड़े हुए हैं. राजद उनके साथ खड़ी दिख रही है, जबकि मुख्यमंत्री ने भी सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी जता दी थी. इसके कारण ही जदयू खेमे में इसको लेकर अभी भी नाराजगी है.

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