जदयू नेता का बीजेपी पर हमला, कहा- धार्मिक तुष्टीकरण की आड़ में मुद्दों से ध्यान भटकाने में माहिर है भाजपा

मंत्री श्रवण कुमार ने कहा की मुख्यमंत्री जाति, धर्म और संप्रदाय से उठकर सभी वर्गों के उत्थान में किये गये ऐतिहासिक कार्यों की वजह से देश और दुनियाभर में जाने जाते हैं. धार्मिक तुष्टीकरण की आड़ में जनता को मूल मुद्दों से भटकाने में भाजपा के लोग निपुण हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 17, 2023 11:07 PM
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बिहार सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के हिंदू राष्ट्र वाले बयान पर कहा है कि किसी भी धर्म के प्रचारक को यह तय करने का अधिकार नहीं है कि भारत का सामाजिक स्वरूप क्या होगा. यह देश बाबा साहेब आंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान के अनुरूप चलेगा.

अमन-चैन के लिए भारत के संविधान को धर्मनिरपेक्ष बनाया गया था

मंत्री श्रवण कुमार ने बुधवार को जदयू प्रदेश मुख्यालय में आयोजित जनसुनवाई के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सामाजिक समरसता और आपसी अमन-चैन बरकरार रहे, इसीलिए बाबा साहेब ने भारत को धर्मनिरपेक्ष देश बनाया था. इस दौरान मद्यनिषेध उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार, लघु जल संसाधन मंत्री जयंत राज और विधान पार्षद वीरेंद्र नारायण यादव मौजूद रहे. उन्होंने जन सुनवाई में पहुंचे फरियादियों की समस्याओं का समाधान किया.

धार्मिक तुष्टीकरण की आड़ में मुद्दों से ध्यान भटकाने में माहिर है भाजपा

पत्रकारों से बातचीत में मंत्री श्रवण कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगे तुष्टीकरण के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि हमारे मुख्यमंत्री पर इस तरह का आरोप लगाने वाले लोग मानसिक रूप से विक्षिप्त हो चुके हैं. मुख्यमंत्री जाति, धर्म और संप्रदाय से उठकर सभी वर्गों के उत्थान में किये गये ऐतिहासिक कार्यों की वजह से देश और दुनियाभर में जाने जाते हैं. धार्मिक तुष्टीकरण की आड़ में जनता को मूल मुद्दों से भटकाने में भाजपा के लोग निपुण हैं. इसका ताजा उदाहरण कर्नाटक चुनाव है.

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किसी भी धर्म के प्रचारक या धर्मगुरु को अपनी बात कहने का अधिकार

पत्रकारों द्वारा पटना में धीरेंद्र शास्त्री का पोस्टर फाड़े जाने संबंधित सवाल पर मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि इस प्रकार के असामाजिक कृत्यों को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए. हम इसकी निंदा करते हैं. किसी भी धर्म के प्रचारक या धर्मगुरु को अपनी बात कहने का अधिकार संविधान देता है.

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